जनता को असुविधा से बचाने के लिए आदेश जारी किया: सरकार
- त्योहारों के दिनों में निर्बाध बिजली आपूर्ति का मामला
जोधपुर
Published: April 20, 2022 08:21:39 pm
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में बुधवार को राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि बिजली की उचित और निर्बाध आपूर्ति बनाए रखने के लिए त्योहारों के दिनों में आदेश प्रसारित किए जाते हैं, ताकि जनता को न्यूनतम असुविधा हो। इसमें किसी समाज या समुदाय विशेष को लेकर भेदभावपूर्ण नहीं कहा जाना चाहिए। कोर्ट ने सरकार के प्रत्युत्तर को देखते हुए याचिका निस्तारित कर दी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव तथा न्यायाधीश मदन गोपाल व्यास की खंडपीठ में याचिकाकर्ता महावीर सिंह अमरावत ने जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के 1 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें रमजान को देखते हुए विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने की हिदायत दी गई थी। डिस्कॉम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कुलदीप माथुर तथा अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा ने कोर्ट के समक्ष 5 अप्रैल का संशोधित आदेश प्रस्तुत किया और कहा कि किसी भी समुदाय के विशेष उत्सव के अवसर के बावजूद एक सामान्य आदेश जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास करते समय समुदाय-वार कोई भेद नहीं किया है।
जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की एक सामान्य प्रथा है कि वे सभी अधीनस्थ कार्यालयों को बिजली की उचित और निर्बाध आपूर्ति बनाए रखने के लिए समय समय पर निर्देश जारी करते हैं, ताकि जनता को न्यूनतम असुविधा हो। इस तरह के आदेश जारी करने का मुख्य उद्देश्य अधीनस्थ कार्यालयों को अनियोजित शटडाउन न लेने का निर्देश देना है और यदि बिजली की आपूर्ति में कोई खराबी या ट्रिपिंग होती है, तो उसे न्यूनतम संभव समय के भीतर हल करने की हिदायत देना है। त्योहारों के मौसम में पत्र नियमित आधार पर जारी किए जाते हैं। कोर्ट ने सरकार का शपथ पत्र देखते हुए याचिका निस्तारित कर दी।

जनता को असुविधा से बचाने के लिए आदेश जारी किया: सरकार
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