अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन की प्रक्रिया गत वर्ष अक्टूबर माह में ऑनलाइन कर दी गई थी। आवेदन के बाद नागरिकता के लिए दस्तावेज व विभिन्न विभागों से वेरीफिकेशन के काम में महिनों लग जाते थे। आवेदन की फाइल कौन से विभाग में है और कौनसे दस्तावेज अधूरे इसका पता लगाने के लिए आवेदनकर्ता को विभागों के चक्कर काटने पड़ते थे। प्रक्रिया को सरल करने के लिए प्रशासन की ओर से गत दो वर्षो में कई बार शिविर भी आयोजित किए गए। शिविर में कई लोगों को नागरिकता दी गई, लेकिन फाइलों के डिस्पोजल में महीनों का समय लगने के कारण पेंडेंसी कम नहीं हो रही थी। इस पर जिला प्रशासन ने आवेदन के बाद फाइल के डिस्पोजल तक की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया। आवेदन के बाद अब विभिन्न विभागों में वेरीफिकेशन, अधिकारियों के हस्ताक्षर व अन्य सभी काम ऑनलाइन होंगे।
एसएमएस से मिलेगी जानकारी
जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि शेष रहे ऑफलाइन आवेदनों के निस्तारण के बाद नागरिकता की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया जाएगा। आवेदन के बाद पेंडिंग दस्तावेज के लिए आवेदनकर्ता को एसएमएस से जानकारी दी जाएगी। इस दौरान आवेदनकर्ता गृह विभाग की वेबसाइट पर फाइल का स्टेटस देख सकेंगे। जहां फाइल किस विभाग में है, फाइल में लगे दस्तावेज व फाइल के निस्तारण का समय देख सकेंगे।
पाक विस्थापित एक नजर में
जोधपुर में प्रतापनगर, काली बेरी, डाली बाइ का मंदिर, अलकोशर नगर, कुड़ी भगतासनी, श्रीराम कॉलोनी, न्यू बकरा मंडी के पास व कबीर नगर में करीब 20 हजार पाक विस्थापित रह रहे हैं।
-वर्ष 2015 से राज्य में ऑफलाइन आवेदन 3090
-जिला प्रशासन के पास 1796 आवेदन आए
-31 दिसम्बर 2018 तक 443 को नागरिकता मिली -30 जनवरी 2019 तक 416 को नागरिकता मिली
-20 फरवरी तक 80 से कम आवेदन शेष रह