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फलोदी बस हादसा: ‘पत्नी को जाने से मना किया था… फिर रोका नहीं,’ अस्पताल में बिलखते पति ने जो कहा…पढ़ें पूरी कहानी

Rajasthan Bus Accident: मतोड़ा में ट्रेलर व बस हादसे की खबर ने जैसे खुशियों पर विराम लगा दिया। हंसी से गूंजते आंगन सिसकियों से भर गए। अस्पताल में अपनों के शवों को देखकर परिजन बिलख उठे, जिन्हें आसपास मौजूद लोग संभालते नजर आए।

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Phalodi accident death
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फलोदी हादसे के बाद ओमप्रकाश सांखला (फोटो-पत्रिका)

जोधपुर। तुलसी एकादशी की रात सूरसागर नैनची बाग का हर घर जगमगा रहा था। कहीं अन्नकूट की तैयारियां थीं, तो कहीं दीपों से सजे आंगन में उत्सव का उल्लास था, लेकिन उसी रोशनी के बीच रात को एक पल ऐसा आया कि पूरे मोहल्ले को अंधकार में डूबो दिया। मतोड़ा में ट्रेलर व बस हादसे की खबर ने जैसे खुशियों पर विराम लगा दिया। हंसी से गूंजते आंगन सिसकियों से भर गए। अस्पताल में अपनों के शवों को देखकर परिजन बिलख उठे, जिन्हें आसपास मौजूद लोग संभालते नजर आए।

सरोज ने कहा- 'वरना मैं भी जिंदा न होती'

नैनची बाग की सरोज दवे की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। वे कांपती आवाज में कहती हैं, 'अगर अन्नकूट की सेवा का काम नहीं होता तो आज मैं भी साथ में होती।' शनिवार शाम तीर्थ स्नान के लिए जाने का दबाव बना, लेकिन आश्रम के अन्नकूट महोत्सव की तैयारियों ने उन्हें रोक लिया और साथ में नहीं जाने से जान बच गई।

पूरा परिवार साथ गया, अब नाम रह गया

रुआंसे व टूटे शब्दों में राणासिंह ने कहा कि 'पूरा परिवार कार्तिक स्नान करने साथ गया था। अब बस नाम ही रह गए।' उनकी भाभी और बहूएं तीर्थ यात्रा में शामिल थीं।

पत्नी को मना किया था, फिर रोका नहीं

ओमप्रकाश सांखला ने नम आंखों से बताया कि पत्नी सज्जन कंवर को जाने से मना किया था, लेकिन रविवार तड़के उठकर देखा तो तीर्थ की तैयारी में लगी थी। तब कुछ नहीं कहा। फिर वो 10 वर्षीय पोते प्रणव के साथ तीर्थ स्नान के लिए निकल गईं।

कल ही प्रोग्राम बना था

सत्यनारायण सांखला ने बताया कि सात सदस्य सुबह सात बजे रवाना हुए थे। जिसमें बड़े भाई की पत्नी, दो छोटे भाई की पत्नी और अन्य रिश्तेदार थे। कल ही प्रोग्राम बना था, किराए पर गाड़ी की और स्नान करने गए।

खबर आते ही शादी समारोह की बुझी लाइट

नैनची बाग क्षेत्र के ही एक सांखला भाईपा परिवार की लड़की का विवाह समारोह था। जिसका कार्यक्रम कालूराम जी के बावड़ी सूरसागर क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा था। तभी हादसे की सूचना मिलते ही सारी खुशियां काफूर हो गईं। अधिकांश मेहमान निकल गए। घर पर की गई रोशनी भी बंद कर दी गई। दुल्हन के फेरे होने तक नाम मात्र मेहमान ही रहे। दुल्हन के पिता राकेश ने घटना की सूचना मिलते ही घर की पूरी रोशनी बंद करवाई।