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सरकार Khelo India प्रोजेक्ट कर रखे शुरू, यहां जोधपुर में खिलाडिय़ों को कोच तक नहीं मिल रहे

locationजोधपुरPublished: Apr 18, 2019 11:55:53 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

जिला क्रीड़ा परिषद के खेलकूद केन्द्रों में हॉकी सहित प्रमुख खेलों के कोच नहीं

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सरकार Khelo India प्रोजेक्ट कर रखे शुरू, यहां जोधपुर में खिलाडिय़ों को कोच तक नहीं मिल रहे

अमित दवे/जोधपुर. ओलम्पिक खेलों में चीन और अमरीका जैसे देश पदक तालिका में हमेशा ऊपर रहते हैं। जबकि भारत गिनती के पदक मिलने को ही बड़ी उपलब्धि मान लेता है। अंतरराष्ट्रीय खेल स्पद्र्धाओं में बेहतर प्रदर्शन के लिए केंद्र सरकार ने ‘खेलो इंडिया’ जैसे प्रोजेक्ट शुरू किए हैं, लेकिन जिला स्तर पर ओलम्पिक में शामिल खेलों के प्रशिक्षक तक नहीं हैं। यही वजह है कि स्थानीय प्रतिभाएं एक स्तर से आगे नहीं बढ़ पा रही।
राज्य क्रीड़ा परिषद के तहत जिला क्रीड़ा परिषद जोधपुर में बरकतुल्लाह खान स्टेडियम, उम्मेद व चैनपुरा स्टेडियम में प्रशिक्षण केंद्र संचालित करती है। यहां कई प्रमुख खेलों के कोच नहीं हैं, जिन खेलों के कोच हैं तो खेल सुविधा नहीं है। इन केंद्रों पर हर खेल की प्रतिभाएं आ रही हैं लेकिन कोच नहीं होने से उनको प्रशिक्षण नहीं मिल रहा। जोधपुर में चल रहे तीनों केन्द्रों पर केवल बॉक्सिंग, टेनिस, साइकिलिंग, जिम्नास्टिक्स के कोच हैं। बाकी सभी खेलों के कोच के पद खाली पड़े हैं।
हॉकी और क्रिकेट में कोच नहीं
तीनों केन्द्रों पर राष्ट्र्रीय खेल हॉकी को कोच नहीं है। यही वजह है कि इस खेल की कोई प्रतिभा राष्ट्रीय स्तर पर उभर कर नहीं आई। क्रिकेट का भी स्थाई कोच नहीं है। जिला क्रीड़ा परिषद ने एडहॉक बेस पर एक कोच लगा रखा था, उसे भी बजट नहीं आने के कारण हटा दिया। क्रिकेट प्रशिक्षणार्थी अकेले ही नेट प्रैक्टिस करते हैं।
टेबल टेनिस की राज्य व राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतिभाएं निकली हैं। लेकिन कोच की पदोन्नति के बाद पद खाली है। यही स्थिति बैडमिंटन, वालीबॉल, टेनिस सहित कई खेलों के भी कोच नहीं है। फुटबॉल का भी कोच नहीं है। जिला खेल अधिकारी हरिराम चौधरी के पास राज्य स्तरीय फ ुटबॉल एकेडमी का चार्ज है। यहां चयनित खिलाडिय़ों को ही अभ्यास का मौका मिलता है। स्थानीय व स्कूली फ ुटबॉल खिलाडिय़ों को जिला क्रीड़ा परिषद के सेंटर से ही मरहूम ही रहते हैं।
साइकिलिंग : कोच है वेलोड्रम नहीं

साइकिलिंग के यहां दो कोच है लेकिन वेलोड्रम ही नहीं है। इस कारण प्रशिक्षणार्थी सडक़ पर ही साइकिलिंग का अभ्यास करते हैं। राजस्थान में केवल जयपुर और बीकानेर में वेलोड्रोम है। जोधपुर में लंबे समय वेलोड्रम की मांग की जा रही है।
टेनिस कोर्ट लावारिस

क्रीड़ा परिषद का टेनिस कोर्ट लावारिस हो चुका है। अव्यवस्था के कारण इसका सेंटर मजबूरन गोशाला मैदान में चलाना पड़ रहा है। एथलेटिक्स, जिम्नास्टिक, बॉक्सिंग सेंटर भी ज्यादा अच्छी स्थिति में नहीं है।
इनका कहना है

‘कई खेलों के कोच नहीं हैं। पार्टटाइम कोच का भी कार्यकाल मार्च में खत्म हो गया। आगे की व्यवस्था के लिए कोई निर्देश नहीं है। चुनाव के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
हरिराम चौधरी, जिला खेल अधिकारी
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