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मानसून सिर पर निगम की अनदेखी से नालें कहीं फिर से न निगल जाए जिंदगियां

locationजोधपुरPublished: Jun 14, 2018 12:39:57 pm

पिछले साल हुए हादसों से सबक नहीं लिया

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मानसून सिर पर निगम की अनदेखी से नालें कहीं फिर से न निगल जाए जिंदगियां


अभी भी कई नाले जानलेवा, गंदगी से अटने से बीमारियां फैला रहे

जोधपुर . मानसून सिर पर है और नगर निगम प्रशासन अभी तक शहर के कई नालों की साफ-सफाई तक नहीं करवा पाया है। ये नाले गंदगी से अटे हैं। सड़क किनारे खुले पड़े जानलेवा नालों में बारिश के दिनों में हादसे का डर बना रहता है। क्षेत्रवासी इस मामले की शिकायत संपर्क पोर्टल, नगर निगम व जनप्रतिनिधियों तक कर चुके हैं, लेकिन सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। गत वर्ष खुले नाले से तीन जगह हादसे हुए थे, जिनमें 4 जनों की मौत हुई। इसके बावजूद अभी तक जिम्मेदारों ने कोई सबक नहीं लिया। निगम नाले के डेंजर जोन पर मात्र चेतावनी बोर्ड लगाए जाने के आदेश जारी कर रहा है। हादसों को एक वर्ष पूरा होने को आया, लेकिन निगम ने न तो नालों को कवर किया और न ही मरम्मत। ऐसे में इस मानसून में फिर से हादसे होने की आशंका को टाला नहीं जा सकता।
केस-1

शिक्षा विभाग के बाहर खुला पड़ा नाला
पुलिस लाइन रोड स्थित उप निदेशक माध्यमिक कार्यालय के बाहर सरस केबिन के आगे पांच फीट का एक गहरा नाला खुला हुआ पड़ा है। आसपास के लोगों के मुताबिक नाले की दीवार का निर्माण मिट्टी केऊपर से ही कर दिया गया। यह बात कुछ दिन पहले की बताई जा रही है। ऐसे में तेज बारिश में दीवार पुन: क्षतिग्रस्त हो जाएगी, जबकि इस नाले को ढका नहीं गया है। नाला भी हादसे को न्यौता दे रहा है।
केस-2

पोलो-2 पावटा में क्षतिग्रस्त नाला
भगतसिंह मार्ग चारण सभा भवन के पास पोलो-2 पावटा में एक लिंक नाला लंबे समय से क्षतिग्रस्त है। इसमें बेतहाशा गंदगी है। इसकी कनेक्विटी पावटा सी रोड तक है। यहां पाइप डालने का कार्य होना है। इस नाले को पूरा खोला जाएगा। बताया जा रहा है इसका टेंडर हो चुका है। वर्क ऑर्डर होना बाकी है। नाले की पट्टियां भी टूट चुकी हैं। क्षेत्रवासियों की मांग है कि यहां पूरा नाला बनाया जाए व रैंप बनाया जाए। बारिश के दिनों में नाले के पास स्थापित बिजली आपूर्ति उपकरण पूरी पानी में डूब जाते हैं।
केस-3
यहां बीमारियां फैलने का अंदेशा

मसूरिया मेघवालों की बस्ती पंचमुखा बालाजी मंदिर के सामने पूरा नाला गंदगी से अटा पड़ा है। यह नाला भैरव नाले का लिंक नाला है। खेमे का कुआं तक जाता है। हर साल यहां बड़ी संख्या में लोग मच्छरजनित बीमारी डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया की चपेट में आते हैं। इस नाले की नगर निगम सफाई नहीं करता। बारिश के दिनों में नाले का पानी बाहर आ जाता है और घरों में घुस जाता है। लोग महापौर से विधायक तक को शिकायत कर चुके हैं। केस-4 पन्नालाल गोशाला के बाहर हादसे का इंतजारमंडोर स्थित पन्नालाल गोशाला के बाहर भी दस दिन पहले नगर निगम ने नाले की सफाई की। इसका सारा मलबा व अंदर फंसे सारे खंडे बाहर रख दिए गए, जबकि इस नाले को पहले भी नहीं ढका गया था। मानसून में यहां जलभराव की स्थिति रहती है। ऐसे में हादसे का खतरा मंडराता रहता है। बावजूद इसके नाला खुला पड़ा है। शहर में ऐसे कई नाले हैं, जिन्हें ढंकने का काम नगर निगम का है, लेकिन जिम्मेदार अनदेखी कर रहे हैं।

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