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Rajasthan : खजूर के बाद अब मरुभूमि में अंजीर की मिठास फैलेगी। केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) की ओर से कोरोनाकाल में अंजीर की खेती पर किए गए प्रयोग चार साल बाद सफल हो गए हैं। काजरी में अंजीर का इस साल अच्छा उत्पादन हुआ है। एक पेड़ पर 7 से 15 किलो अंजीर लगे हैं। अगले साल वाणिज्यिक उत्पादन के साथ इसकी तकनीक किसानों के लिए जारी कर दी जाएगी।
काजरी ने 2021 में हैदराबाद से अंजीर की डायना वैरायटी के करीब 300 पौधे मंगाकर टिश्यू कल्चर तकनीक से लगाए। यह किस्म कम पानी में भी अच्छी तरह विकसित होती है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि वैज्ञानिक प्रबंधन जारी रहा तो आने वाले वर्षों में थार के 50 हजार हेक्टेयर में अंजीर के बाग तैयार हो सकते हैं। अंजीर स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषक तत्वों का भंडार माना जाता है।
2021 : 27 हजार टन, मूल्य 120 मिलियन यूएस डॉलर।
2023 : 30 हजार टन, मूल्य 150.6 मिलियन यूएस डॉलर।
2024 : 28 हजार टन अनुमानित, मूल्य 140 मिलियन यूएस डॉलर।
थार का गर्म व शुष्क मौसम अंजीर के लिए अनुकूल माना जाता है। डायना वैरायटी तुर्की से प्रेरित मॉडल है, जहां अंजीर की सबसे बड़ी फसल होती है। पौधों को 6 गुणा 6 मीटर की दूरी पर लगाने व ड्रिप इरिगेशन से 70 फीसदी पानी की बचत संभव है।
Published on:
28 Nov 2025 11:44 am
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