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Rajasthan elections: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घर में भी भाजपा ने की बड़ी सेंधमारी, कांग्रेस 7 से 2 पर सिमटी

Rajasthan elections: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घर यानि जोधपुर पर सभी की नजर थी, लेकिन यहां ही जनता ने रिवाज कायम रखा। राजस्थान में जैसे हर पांच साल में जनादेश बदलता रहता है, वही असर यहां भी देखने को मिला।

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घर यानि जोधपुर पर सभी की नजर थी, लेकिन यहां ही जनता ने रिवाज कायम रखा। राजस्थान में जैसे हर पांच साल में जनादेश बदलता रहता है, वही असर यहां भी देखने को मिला। इस कहानी को समझने के लिए 10 साल पहले का इतिहास देखते हैं। 2013 में जब कांग्रेस महज 21 सीटों पर सिमट गई थी तो जोधपुर जिले में गहलोत को छोड़कर सभी प्रत्याशी हार गए थे। फिर आया 2018 का दौर। यानि भाजपा सरकार के खिलाफ एंटीइनकमबेंसी हावी रही और जो भाजपा जिले में 9 सीट पर थी वह 2 पर सिमट गई। कांग्रेस ने 7 सीट निकाल ली।

इस बार कांग्रेस की गारंटियां व कई विकास कार्य का दावा भी काम न आया। कांग्रेस का वोट शेयर करीब तीन प्रतिशत घटा तो वहीं भाजपा का 10 प्रतिशत बढ़ गया। कांग्रेस का वोट शेयर 15 प्रतिशत खिसका और कांग्रेस 7 से सीधे 2 पर आ गई। सरदारपुरा से गहलोत के अलावा भोपालगढ़ से गीता बरवड़ ही अपनी सीट बचा पाई। भाजपा फिर 8 सीट लेकर गहलोत को चुनौती दे चुकी है।

2018 चुनाव में जिले का वोट शेयर
- 36 प्रतिशत के करीब भाजपा का।
- 45 प्रतिशत के करीब कांग्रेस का।
- 19 प्रतिशत के करीब अन्य का।

2023 चुनाव में यह रहा वोट शेयर
- 46 प्रतिशत से ज्यादा भाजपा का वोट शेयर।
- 42 प्रतिशत से अधिक कांग्रेस का वोट शेयर।
- 11 प्रतिशत के करीब अन्य का वोट शेयर रहा।

अन्यों का शेयर घटा
भाजपा का इतनी बड़ी सीटें मिलने के पीछे एक कारण रालोपा व निर्दलियों का वोट शेयर घटना भी है। कई सीटों पर निर्दलियों ने गणित बिगाड़ा तो यह नुकसान कांग्रेस को ही हुआ है। लोहावट, फलोदी व बिलाड़ा जैसी सीटों पर वोटों में सेंध लगाई गई। कांग्रेस जनता का मूड भांपने में सफल नहीं हो पाई।

नए वोटर्स भाजपा के
भाजपा का बढ़ा वोट शेयर यह इशारा करता है कि इस बार जो नए वोटर्स जुड़े हैं, इनको भाजपा पसंद है। कांग्रेस का वोट शेयर महज 3 प्रतिशत घटा है, यानि परम्परागत कांग्रेस के वोटर ज्यादा नहींं खिसके हैं, लेकिन भाजपा में बढ़ोतरी होने का कारण नए वोटर्स ही है।

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कांग्रेस ने 6 भाजपा ने 8 टिकट रिपीट किए
इस बार कांग्रेस ने 6 टिकट रिपीट किए। इनमें अशोक गहलोत को छोड़कर सभी हार गए। चार टिकट बदले थे, इनमें फलोदी से प्रकाश छंगाणी, बिलाड़ा से मोहनलाल कटारिया, सूरसागर से शहजाद खान व भोपालगढ़ से गीता बरवड़ है, इनमें से सिर्फ गीता बरवड़ ही जीत पाई। भाजपा ने 8 टिकट रिपीट किए। इनमें से 7 सीट जीती। दो टिकट बदले थे, इनमें सूरसागर से देवेन्द्र जोशी व सरदारपुरा से प्रो महेन्द्र राठौड़ है। इनमें से जोशी ने जीत दर्ज की।

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