12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि लहसुन सब्जी है या मसाला?

राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार ने लहसुन के GST कर निर्धारण की जारी सूची में सब्जी और मसाले, दोनों ही शिड्यूल में नाम रखने पर तीखे सवाल किए।

2 min read
Google source verification
rajasthan high court

rajasthan high court

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश संगीतराज लोढ़ा व न्यायाधीश विनीतकुमार माथुर ने सरकार ने लहसुन के जीएसटी कर निर्धारण की जारी सूची में सब्जी और मसाले, दोनों ही शिड्यूल में नाम रखने पर तीखे सवाल किए।

खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि क्या सरकार के पास कोई अधिकार है, जिसके तहत वह लहसुन को सब्जी व मसाला दोनों ही सूची में रख सकती है। इस पर सरकार की ओर से खंडपीठ में मौजूद अतिरिक्त महाधिवक्ता श्यामसुदर लदरेचा ने मंगलवार तक का समय देने की मांग की, जिसे स्वीकार कर लिया गया।

दरअसल, पिछले वर्ष दिसंबर में भदवासिया (जोधपुर) स्थित मंडी की आलू, प्याज, फ्रूट व सब्जी विक्रेता संघ ने याचिका दायर करते हुए हाईकोर्ट से सरकार की इस कार्रवाई पर न्याय दिलाने की गुहार की थी कि लहसुन को सब्जी मंडी में बेचा जाता है, तो उस पर सब्जी समझकर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा।

अनाज मंडी में मसाले के रूप में बेचा जाता है, तो उस पर जीएसटी लगेगा। इस मामले में अब तक कोटा की ऑल इंडिया किसान सभा व जोधपुर की पावटा सब्जी मंडी के व्यापारियों ने भी पक्षकार बनने के लिए आवेदन किए, जिनको स्वीकार कर लिया गया।

तो लहसुन पाउडर होना चाहिए
खंडपीठ का कहना था कि लहसुन व मिर्ची आदि को अनाज मंडियों में इनके पाउडर के रूप में बेचा जाता है। अत: यह अलग जिन्स बन गई, लेकिन क्या लहसुन पाउडर के नाम से इसे मसाले की सूची में डाला गया है या मनमाने ढंग से कार्रवाई की गई। क्या अधिकार है, सरकार के पास, यह बताएं। आप कोई कार्रवाई विधिपूर्वक करेंगे, अथवा मनमाने ढंग से ही करेंगे।

सरकार ने यह कहा था
इस याचिका की अब तक 17 बार सुनवाई हो चुकी है। सरकार की ओर से अब तक यह कहा गया कि यह कार्रवाई किसानों को प्रतिस्पद्र्धात्मक मूल्य उपलब्ध कराने के लिए की गई है। सरकार का कहना था कि सब्जी मंडियों में एन्ट्री टैक्स, दलाली व नीलामी आदि के जरिये किसानों को कम मूल्य प्राप्त होता है।

इसलिए लहसुन प्याज व अन्य मसालों जैसे जिन्सों को अनाज मंडी में बेचने के लिए सुविधा दिलाने के नाम पर लहसुन को दोनों सूचियों में रखा गया। लहसुन को एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट एक्ट कीशिड्यूल-2 अनुसूची में रखा गया है। इसे किसानों के हित में दोनों सूचियों में रखा गया है।