
मल्टीटास्किंग एग्रीकल्चर प्रोटोटाइप। फोटो पत्रिका
Rajasthan News : राजस्थान में अब खेती को आसान बनाएगा रोबोट। तकनीकी शिक्षा अब खेतों की मिट्टी से जुड़ने लगी है। जहां देशभर में किसान आधुनिक तकनीक की पहुंच से दूर हैं, वहीं जोधपुर शहर के छह छात्रों ने ऐसा इनोवेशन किया है, जो खेती को आसान, सस्ता और स्मार्ट बना देगा। एमबीएम यूनिवर्सिटी, जोधपुर के बीई अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों का यह प्रोजेक्ट देश के किसानों के लिए वरदान बन सकता है। मल्टीटास्किंग एग्रीकल्चर प्रोटोटाइप नामक यह स्मार्ट रोबोट खेती के कई काम जैसे जुताई, सिंचाई, बीज बुवाई, कीटनाशक छिड़काव और खरपतवार हटाने के लिए सक्षम है।
यह प्रोजेक्ट इलेक्ट्रिकल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर संतोष मीणा और विभागाध्यक्ष डॉ. एमके भास्कर के मार्गदर्शन में तैयार हुआ है। इस प्रोटोटाइप में ईएसपी-32 माइक्रोकंट्रोलर का इस्तेमाल किया गया है, जो मोबाइल ऐप से भेजे गए निर्देशों को रोबोट तक पहुंचाता है। रोबोट में लगे विभिन्न यंत्रों के जरिए यह अलग-अलग काम करता है, जैसे बीजों की सटीक बुवाई, नियंत्रित सिंचाई, और स्प्रे सिस्टम के जरिए कीटनाशक का छिड़काव। रोबोट के जरिए किसानों की मेहनत, समय और खर्च तीनों में बड़ी बचत होगी।
यह प्रोजेक्ट मुरलीधर सिखवाल, तनु जांगिड़, प्रियंका चौहान, निशा चौधरी, राजवर्धन सिंह और यश गौड़ ने मिलकर तैयार किया है। इस रोबोट को मोबाइल ऐप से संचालित किया जा सकता है, जिसकी डिजाइन भी इन छात्रों ने खुद तैयार की है। यह ऐप बेहद सरल और किसान फ्रेंडली इंटरफेस के साथ बनाई गई है, जिससे तकनीक से दूर रहने वाले किसान भी इसे आसानी से चला सकें। इसमें सोलर प्लेट्स भी लगाई गई है।
1- किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बना डिजाइन।
2- एक ही मशीन से जुताई, सिंचाई, बुवाई, छिड़काव और निराई।
3- मोबाइल ऐप से सरल संचालन।
4- खर्च और श्रम में कमी, उत्पादकता में वृद्धि।
Updated on:
10 Jun 2025 10:42 am
Published on:
10 Jun 2025 10:41 am
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