
Rajasthan Samachar: जोधपुर के माचिया सफारी पार्क में बुधवार रात को एक बार फिर लेपर्ड का मूवमेंट वेब कैमरे में देखा गया है। 13 काले हिरणों पर हमले के बाद अब तक लेपर्ड ने कोई नया शिकार नहीं किया है। इधर, पिंजरे लगाने के बावजूद लेपर्ड पकड़ में नहीं आ रहा है। पार्क में गुरुवार सुबह टाइगर केज के पास नाले को जेसीबी की मदद से बंद किया गया। यहां पर तीन पिंजरे लगाए गए हैं। पिंजरों में श्वान की जगह अब दो बकरियों को रखा गया है, ताकि लेपर्ड बकरी को देखकर व आवाज सुनकर पिंजरे के पास आ सके और उसको ट्रैप किया जा सके। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से अगले आदेश तक माचिया पार्क में पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया गया है।
डीएफओ सरिता कुमारी ने बताया कि बुधवार पूरी रात हिरणों के एनक्लोजर के बाहर लेपर्ड को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाकर मॉनिटरिंग की गई, लेकिन पकड़ में नहीं आया। बुधवार रात को वेब कैमरा में लेपर्ड नजर आया था। रात में भी लेपर्ड की तलाश जारी है। रेंजर बालाराम ने बताया कि रात के बाद दिन में भी वनकर्मियों की दूसरी टीम निगरानी रख रही है। टीम में 15 से अधिक वनकर्मी ड्यूटी पर है।
माचिया बायोलॉजिकल पार्क में सोमवार रात को दो बार लेपर्ड काले हिरणों के पिंजरे की तरफ आता देखा गया। रात साढे़ 9 बजे चिंकारा व काले हिरणों के पिंजरे के पास सर्विस लाइन की तरफ आया फिर भागकर झाड़ियों में चला गया। देर रात 2:30 बजे दोबारा विजिटर रोड पर घूमते हुए वहां बैठे मोर पर अटैक किया, लेकिन कुछ दूरी पर निगरानी करने वाले वन्यजीव प्रभाग की उड़नदस्ता टीम ने तुरंत टॉर्च लाइट फैंकी। इससे लेपर्ड मोर को दबोचने से पहले ही भाग गया। जोधपुर डीएफओ सरिता कुमारी व वनकर्मियों ने पूरी रात हिरणों के एनक्लोजर के बाहर लेपर्ड को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाकर मॉनिटरिंग भी की, लेकिन पकड़ में नहीं आया। लेपर्ड के डर से पिंजरे में वन्यजीवों को खाना और पानी देने वाले कर्मचारी व महिला वनकर्मी भी केज में दरवाजा बंद करके बैठे रहे।
Published on:
31 May 2024 10:28 am
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