ग्राम पंचायत के डेथ सर्टिफिकेट अनुसार मृत्यु घर पर ही बीमारी से हुई है, इस आधार पर पाली जिला उपभोक्ता मंच ने परिवाद खारिज कर दिया। अधिवक्ता भंडारी ने गलत मृत्यु प्रमाण,अस्पताल के कागजातों में चोट साबित होना,दुर्घटना में मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम की अनिवार्यता नहीं होने की दलीले दी। बीमा कंपनी ने एफआईआर देरी से लिखाने के आधार पर अपील खारिज करने का निवेदन किया। दोनों पक्षों को सुनकर राज्य आयोग ने बीमा धारक के पक्ष में फैसला दिया।