कार्यक्रम का इस दिन होगा प्रसारण इस अवसर पर सीमा पर तैनात सुखोई-30 लड़ाकू विमान और एमआइ-17वी-5 लड़ाकू हेलीकॉप्टर के ऑपरेशन देखने को मिलेंगे। सियाचीन विश्व का सबसे ऊंचा युद्ध स्थल है, जहां भारतीय वायुसेना तैनात है। नेशनल ज्योग्राफिक चैनल ने इस बार एक्सट्रीम फ्लाइट कार्यक्रम भारतीय वायुसेना को समर्पित किया है। इसका प्रसारण 25 जनवरी की रात 9 बजे होगा।
वायुसेना के ऐतिहासिक 1932 से होगी शुरुआत एक घण्टे के इस कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय वायुसेना के इतिहास से होगी। वायुसेना की 1932 में स्थापना से लेकर स्वतंत्रता के बाद 1965 और 1971 में हुई पाकिस्तान के साथ जंग में काम आने वाले लड़ाकू विमानों को दिखाया जाएगा। सुखोई विमानों के अलावा ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-17, हॉक, पायलट्स-17 और अवाक्स प्रणाली भी देखने को मिलेगें। लड़ाकू विमानों से दागी जाने वाली स्वदेश निर्मित आकाश व अस्त्र मिसाइल के अलावा हॉर्फून मिसाइल की क्षमता से अवगत हो सकेंगे।
पिछले साल सियाचिन ग्लेशियर पर भारतीय वायुसेना पर प्रीमियर का फिल्मांकन किया गया था। इसमें भारत की पहली पंक्ति के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआइ द्वारा ऑपरेशन करने और एमआइ-17 हेलीकॉप्टर द्वारा रेसक्यू करना दिखाया जाएगा। हेलीकॉप्टर से करीब 12 हजार फीट पर बर्फ में उतरते वायुसैनिकों का प्रदर्शन होगा। साथ ही दुनिया में सर्वाधिक ऊंचाई पर एयरक्राफ्ट लैंडिंग भी बताई जाएगी। बर्फ की चोटियों पर चढ़ाई करते सैनिकों को भी फिल्माया गया है।
भारतीय वायुसेना पर कार्यक्रम का प्रसारण होगा। इसमें वायुसेना की ताकत और विपरीत परिस्थितियों में काम करने और दक्षता व क्षमता देखने को मिलेगी। विंग कमाण्डर अनुपम बैनर्जी, पीआरओ, भारतीय वायसुेना दिल्ली