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Rajasthan: जोधपुर में सोनम वांगचुक से नहीं मिल पाए सीकर सांसद अमराराम, जेल प्रशासन ने बताई ये वजह

Rajasthan News: लेह हिंसा के बाद गिरफ्तार पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक से मंगलवार को जोधपुर जेल में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सांसद अमराराम मुलाकात नहीं कर पाए।

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Sikar MP Amararam

फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan News: लेह हिंसा के बाद गिरफ्तार पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक से मंगलवार को जोधपुर जेल में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सांसद अमराराम मुलाकात नहीं कर पाए। वे अपने समर्थकों और सहयोगियों के साथ जोधपुर सेंट्रल जेल पहुंचे थे, लेकिन जेल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें मुलाकात की अनुमति नहीं दी।

इससे नाराज अमराराम और उनके समर्थकों ने जेल के बाहर वांगचुक के समर्थन में नारेबाजी की। जेल प्रशासन के अनुसार सांसद की प्रार्थना पर विचार किया गया था, लेकिन जेल नियमों और सुरक्षा की दृष्टि से मुलाकात अस्वीकृत करनी पड़ी। गौरतलब है कि वांगचुक के जोधपुर आने के बाद से जेल परिसर में सुरक्षा और अधिक कड़ी कर दी गई है। फिलहाल किसी को भी उनसे मिलने की इजाजत नहीं है।

सांसद ने मिलने की मांगी थी अनुमति

सांसद अमराराम ने जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक से मिलने की अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली। सांसद अमराराम वांगचुक से मिलने सेंट्रल जेल पहुंचे, लेकिन पुलिस ने लाल फाटक के पास बैरिकेडिंग कर उन्हें रोक दिया। जेल प्रशासन ने नियमों का हवाला देकर मुलाकात की अनुमति देने से इनकार किया। सांसद करीब आधे घंटे तक जेल के बाहर रुके, फिर वापस लौट गए।

अमराराम ने जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि हमें सोनम वांगचुक से मिलने की अनुमति दी जाए। जवाब में, जेल प्रशासन ने मूल पत्र पर टिप्पणी करते हुए लौटाया और लिखा कि नियमानुसार आपके अनुरोध को अस्वीकार किया जाता है।

केंद्र पर दमनकारी रवैया अपनाने का आरोप

जेल के बाहर पत्रकारों से बातचीत में सांसद अमराराम ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी और दमनकारी रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लद्दाख के लोगों से वादे पूरे नहीं किए गए, विरोध करने वालों पर गोलियां चलाई गई और नेतृत्व कर रहे सोनम वांगचुक को जेल में डाल दिया गया।

वांगचुक कोई आतंकी नहीं- अमराराम

अमराराम ने कहा कि वांगचुक कोई आतंकी नहीं हैं कि उनसे मिलने तक नहीं दिया जाए। उन्होंने सवाल उठाया कि 2008 में जब उन्हें रातों-रात जेल से छोड़ा गया था, तब मैनुअल कहां था। आजाद भारत में केवल मुलाकात रोकने के लिए मैनुअल का सहारा लेना उचित नहीं है। माकपा सांसद ने सरकार से स्पष्ट करने की मांग की कि वह सोनम वांगचुक से मुलाकात की अनुमति कब और किन शर्तों पर देगी।