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Amarnath Yatra: श्रद्धा की डगर पर आई मौत… खुशहाली की मन्नत मांगने अमरनाथ गई थी सोना बाई, भूस्खलन में टूट गई सांसें

अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से परिजन को सूचित किया गया कि खराब मौसम और फ्लाइट न मिलने के कारण पार्थिव देह को सोनमर्ग अस्पताल में सुरक्षित रखा गया है।

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Amarnath Yatra

मृतक सोना बाई। फाइल फोटो- पत्रिका

श्रद्धा और आस्था से भरी अमरनाथ यात्रा इस बार जोधपुर के एक परिवार के लिए कभी न भूलने वाला दुख बन गई। जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले में बुधवार को बालटाल मार्ग पर हुए भूस्खलन में जोधपुर की रहने वाली सोना बाई (55) पत्नी दाराराम की मौत हो गई। चांदपोल के बाहर बड़ी भील बस्ती निवासी सोना बाई अमरनाथ बाबा के दर्शन के लिए 8 जुलाई को 40 श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ रवाना हुई थीं।

उनकी जेठानी पुष्पा देवी भी उनके साथ थीं। परिवार की खुशहाली की कामना लेकर वह यात्रा पर गई थीं। परिवारजन ने बताया कि दर्शन कर वापस लौटते वक्त बालटाल मार्ग पर हो रही बारिश के बीच अचानक पहाड़ दरक गया। सोना बाई रेल पटरी के पास हुए भूस्खलन की चपेट में आ गईं। साथ चल रहे श्रद्धालुओं ने तुरंत उन्हें बालटाल आधार शिविर के अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस खबर को सुनकर जोधपुर में उनके भरे पूरे परिवार में मातम छा गया।

परिवार में पसरा सन्नाटा

सोना बाई के रिश्तेदार भूराराम ने बताया कि महिला के पति पहले ही दिवंगत हो चुके हैं। उनके पीछे चार संतानें और छह पोते-पोतियां व पांच नाती नातिन हैं। बड़ा बेटा रवि (35), गोविंद (30), बेटियां दीपिका (28) और आरती (25) इस क्षण को स्वीकार नहीं कर पा रहे। अपने चारों बच्चों के लिए ममता की छांव और दादी-नानी के रूप में अपने पोतों-पोतियों और नाती-नातिन पर स्नेह लुटाने वाली सोना बाई के निधन के समाचार से मोहल्ले के लोगों में भी शोक की लहर छा गई।

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पार्थिव देह के आने में देरी, इंतजार कर रहा परिवार

अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से परिजन को सूचित किया गया कि खराब मौसम और फ्लाइट न मिलने के कारण पार्थिव देह को सोनमर्ग अस्पताल में सुरक्षित रखा गया है। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब शुक्रवार सुबह श्रीनगर से जयपुर हवाई मार्ग के जरिए और फिर एंबुलेंस से शव जोधपुर लाया जाएगा।