scriptथार की धूल यूं कर रही प्रदूषण में बढ़ोतरी, सबसे प्रदूषित शहर जोधपुर | Thar Desert : Air Pollution in Jodhpur | Patrika News

थार की धूल यूं कर रही प्रदूषण में बढ़ोतरी, सबसे प्रदूषित शहर जोधपुर

locationजोधपुरPublished: Jun 05, 2018 06:47:48 pm

– आसमान में गर्द छाने से हवा को प्रदूषित मानते हैं वैज्ञानिक

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थार की धूल यूं कर रही प्रदूषण में बढ़ोतरी, सबसे प्रदूषित शहर जोधपुर

– शेष वायु प्रदूषक कम हैं हमारे शहर-कस्बों में

जोधपुर . पिछले तीन दशक में धूलभरी हवा और बवंडर की तीव्रता भले ही कम हो गई हो, लेकिन थार के आसमान पर धूल की गर्द छाई रहती है। बालू के कण विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरते हुए धूल कणों में तब्दील हो जाते हैं और नतीजन् अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण रिपोर्टों में जोधपुर, जैसलमेर , बाड़मेर, बीकानेर को सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल कर लिया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस से एक दिन पहले राजस्थान राज्य प्रदूषिण नियंत्रण मण्डल के अनुसार जोधपुर में हवा का मानक स्तर ‘वैरी पुअर’ था यानी हवा में महीन धूल कण पीएम 2.5 की मात्रा अत्यधिक थी। जयपुर, अजमेर और कोटा की हवा में भी धूल थी, लेकिन पश्चिमी राजस्थान से कम थी।
ग्रीन हाउस व जहरीली गैसें बहुत कम

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से पिछले माह जारी रिपोर्ट में विश्व के सबसे प्रदूषित 20 शहरों में जोधपुर और जयपुर को शामिल किया गया था। जोधपुर 14वां सबसे प्रदूषित शहर था। इसकी वजह आसमान में धूल के महीन कण यानी पार्टिकुलेट मैटर (पीएम)10 व पीएम 2.5 की अत्यधिक मात्रा थी। जोधपुर में पीएम 2.5 का स्तर 350 से ऊपर है, जबकि 100 से कम होना चाहिए। धूल कणों को छोड़ दें, तो कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड जैसे प्रदूषकों की संख्या बहुत कम है। इनके लिए जोधपुर को अच्छा मानक दिया जाता है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से सोमवार को जारी डाटा के मुताबिक जयपुर, जोधपुर, अजमेर और कोटा में सर्वाधिक प्रदूषित शहर जोधपुर था।
राजस्थान में जोधपुर सर्वाधिक प्रदूषित

प्रदूषक जोधपुर अजमेर जयपुर कोटा
PM2.5 347 119 196 136

PM10 313 85 111 99
Ozone 62 76 81 65

NO2 17 20 16 8
CO 39 30 16 10
SO2 9 11 13 6

(आंकड़े 4 जून शाम 7 बजे के)

चीन ने डस्ट बैरियर बनाए
ऐसा नहीं है धूल को रोका नहीं जा सकता। चीन ने कुछ शहरों में डस्ट बैरियर बनाए हैं। वहां हवा की गति के अनुसार शहर के बाहर निश्चित दूरी पर बड़े-बड़े पेड़ लगे हैं, जो धूल को शहर में घुसने से राकते हैं। केवल पौधारोपण ही प्राकृतिक धूल कणों को रोकने का एकमात्र उपाय है।
प्रो. एसके सिंह, सिविल इंजीनियर, एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर

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