जोधपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जोधपुर में शुक्रवार को एक ब्रेन डेड मरीज के अंगदान किए गए। मरीज के परिजन की सहमति के बाद एम्स के डॉक्टरों ने मरीज का हार्ट, लिवर और दोनों आंखें (कॉर्निया) निकाली। हार्ट को लेने के लिए अहमदाबाद स्थित सीम्स अस्पताल के डॉक्टरों की टीम सुबह जोधपुर पहुंची।
दोपहर में हार्ट लेकर हेलिकॉप्टर से टीम अहमदाबाद पहुंची। अहमदाबाद में 30 साल के एक युवक को हार्ट लगाया गया है। लिवर निकालने के बाद उसका ट्रांसप्लांट एम्स में ही जोधपुर के 18 वर्षीय किशोर को किया गया। एण्ड स्टेज लीवर डिजिज की वजह से किशोर का लीवर जल्द ही खराब हो गया था। आंखें भी किसी जरूररतमंद व्यक्ति को लगाई जाएगी।
एम्स के डॉक्टरों ने सबसे पहले विमल का हार्ट रिट्रीवल किया और अहमदाबाद के डॉक्टरों की टीम को सौंप दिया। डॉक्टर बॉक्स में उनका हार्ट लेकर रवाना हुए तब पत्नी मधु बॉक्स पर माला पहनाई। पति के हार्ट को माला पहनाते समय उनकी आंखें भर आई।
-21 लीवर ट्रांसप्लांट हो चुके हैं एम्स में अब तक।
-11 लीवर लाइव डोनर और 10 मृतक डोनर से ट्रांसप्लांट।
-3 हार्ट रीट्रिवल हो चुके हैं एम्स में अब तक।
-73 किडनी ट्रांसप्लांट हो चुके हैं।
-फेंफड़े, कॉर्निया भी डोनेट हुए हैं।
प्रदेश में एसएमएस जयपुर में स्टेट ऑर्गन एण्ड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) बना हुआ है। किसी भी अस्पताल में ब्रेन डेड मरीज के अंग किसको व कहां लगाए जाएंगे, इसका निर्णय मरीजों की वेटिंग लिस्ट के अनुसार सोटो ही करता है। सोटो ने ही हार्ट को अहमदाबाद भेजने और लीवर को जोधपुर के ही मरीज को लगाने का निर्णय किया था।
कुड़ी भगतासनी निवासी 41 वर्षीय विमल कुमार की दोनों किडनी फेल थी। किडनी फेलियर के कारण वे डायलेसिस पर थे। वे स्वयं किडनी डोनर की तलाश कर रहे थे, लेकिन कुछ दिन पहले हाई ब्लड प्रेशर के कारण उनकी दिमाग की नस फट गई और उनके मस्तिष्क में रक्त स्त्राव हो गया। रक्त स्त्राव होने की वजह से कुछ दिन बाद उनका ब्रेन डेड हो गया। इसके बाद भी उनके शरीर के अन्य अंग अच्छी तरीके से काम कर रहे थे।
Published on:
21 Jun 2025 07:30 am