पाकिस्तान ने यह परीक्षण चीन के सहयोग से निर्मित जेएफ-17 लड़ाकू विमान पर हथियार लगाकर किया जबकि पाकिस्तान का मुख्य लड़ाकू विमान अमरीकी एफ-16 है। पिछले महीने पाक द्वारा भारत पर एफ-16 विमानों का इस्तेमाल करने पर अमरीका ने पाक से स्पष्टीकरण मांग लिया था। जिस कारण उसे कमतर विमान इस्तेमाल करने के साथ हथियार भी छुपाना पड़ रहा है।
पोकरण में सोमवार को भारतीय सेना की ओर से पिनाक रॉकेट लॉन्चर के सफल परीक्षण के अगले दिन मंगलवार को पाकिस्तान ने अपने क्षेत्र में लड़ाकू विमान जेएफ-17 के साथ एरियल टेस्ट किया था। जिसमें लड़ाकू विमान से एक हथियार दागने के बाद किसी टारगेट को आग का गोला बनते हुए दिखाया गया है। पाकिस्तानी एयरफोर्स ने इसे ‘स्मार्ट वेपन’ बताया। रक्षा विशेषज्ञों ने सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा किया है कि आखिर पाक को यह बताने में कहां दिक्कत है कि वह मिसाइल परीक्षण था या बम का परीक्षण।
सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में पाक सेना दक्षिण अफ्रीकी कम्पनी के साथ मिलकर ग्लाइडेड बम बना रहा है जो लेजर गाइडडेड बम से अधिक दूरी तक मार करता है। भारत ने बालाकोट में जिन बम का इस्तेमाल किया था, संभवत: पाक उसके जवाब में वैसे ही बम की तलाश कर रहा है। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना ने यह बताने से भी इनकार कर दिया कि यह परीक्षण रूटीन का हिस्सा था या भारत के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए कदम उठाया गया है।