डॉ. एस.एन. मेडिकल कॉलेज ने आखिरकार एमडीएम अस्पताल के ट्रोमा व इमरजेंसी के हालात सुधारने के लिए सभी विभागों के चार-चार सीनियर रेजीडेंट लगाने का निर्णय लिया है। ऐसे में इमरजेंसी में नियमित रेजीडेंट व सीएमओ की ड्यूटी के साथ सर्जरी, ऑर्थो, मेडिसिन व एनस्थिसिया के एक-एक सीनियर रेजीडेंट भी 24 घंटे सेवाएं देंगे।
शुक्रवार को कॉलेज काउंसिल की बैठक में यह सहमति जता दी गई कि नियमानुसार सीनियर रेजीडेंट को नियुक्ति देकर ट्रोमा व इमरजेंसी के हालात में सुधार किया जाए। साथ ही आने वाले समय में अस्पताल में ट्रोमा अस्पताल भी बनना है। ऐसे में सीनियर रेजीडेंट की ड्यूटी सुनिश्चित होने से मरीजों व घायलों को बड़ी राहत मिलेगी। कॉलेज प्राचार्य डॉ. एस. एस. राठौड़ ने बताया कि ट्रोमा व इमरजेंसी में सीनियर रेजीडेंट को नियुक्ति देकर नियमित ड्यूटी लगाने से मरीजों व घायलों की सेवा में और अधिक सुधार आएगा तथा मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा ‘राजस्थान पत्रिका’ ने एमडीएम अस्पताल के ट्रोमा व इमरजेंसी में मरीजों की परेशानी को लेकर शृंखलाबद्ध समाचार प्रकाशित किए थे। पत्रिका ने ‘यह कैसी इमरजेंसी’ मुहिम चलाकर बताया था कि ट्रोमा व इमरजेंसी में किस तरह मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही हैं। इस पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन हरकत में आया।
पीपीपी मोड में सुधरेगा स्वीमिंग पूल मेडिकल कॉलेज काउंसिल की बैठक में कॉलेज के स्वीमिंग पूल की दशा सुधारने के लिए पीपीपी मोड पर देने पर सहमति जताई गई। अब तक कॉलेज प्रशासन ही पूल को चला रहा था। अब पीपीपी मोड पर देने से स्वीमिंग पूल की बेहतर सार-संभाल होगी और कॉलेज के विद्यार्थियों को भी सुविधा मिलेगी। बैठक में कॉलेज से सम्बद्ध अस्पतालों में व्यवस्थाएं सुधारने के अन्य प्रस्तावों पर भी सदस्यों ने सहमति जताते हुए निर्णय किए।