
साहित्य से जुड़कर शुरू की समाजसेवा, बेटियां गोद लेकर दी शिक्षा ,मिल चुके दर्जनों पुरस्कार
Kanker News Update : माता-पिता को लोगों की मदद करते देखा करती थी इसी के चलते बचपन से ही लोगों की मदद करने का भाव मन में था। कांकेर की मीरा आर्ची चौहान जब शिक्षिका बनी तो आठ गरीब बच्चियों को गोद लिया (CG Breaking News) और सभी को अच्छी शिक्षा दी। कुछ बच्चियां सरकारी नौकरी कर रहीं तो कुछ खुद के कारोबार के साथ परिवार संभाल रही हैं।
गरीब बच्चियों को दे रहे शिक्षा
मीरा ने बताया कि शुरुआत में कांकेर में एक निजी स्कूल में एक साल तक शिक्षण दिया। इसके बाद दुधावा क्षेत्र के सरकारी स्कूल में शिक्षिका का दायित्व मिला तो कुछ और करने की ललक बढ़ी और अब उस कदम को बढ़ाती जा रही हैं। (Kanker News) डुमाली स्कूल में सेवा देते हुए समय निकालकर गांव और शहर की गरीब बच्चियों को शिक्षा से जोड़ रही हैं। मीरा ने शादी से पहले ही आठ बच्चियों को खुद के घर में रखा और सभी खर्च उठाते हुए एमए तक शिक्षा दी। शादी के बाद वह ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को शिक्षा की ताकत को बता रही हैं।
राज्य में मिले सम्मान
शिक्षक सम्मान, गजानन माधव मुक्तिबोध स्मृति सम्मान, नारी शक्ति सम्मान, छग महिला रत्न सम्मान, कलमवीर सम्मान, साहित्य रत्न सम्मान, साहित्य साधना सम्मान, कलमकार वंदेमातरम् सम्मान, (Kanker Breaking News) कलमकार छत्तीसगढ़ सम्मान, सरगम साहित्य सम्मान, कलमकार साहित्य सम्मान, सृजन शिखर साहित्य सम्मान मिला है।
आकाशवाणी में 18 साल तक कविता प्रसारण की सेवा देने के बाद वह अब गरीब बच्चियों को शिक्षा देने के कार्य में जुटी हैं। (Kanker News Update) दो दशक तक शिक्षा के कार्य और समाजसेवा करने पर उन्हें दर्जनों पुरस्कार मिल चुके हैं। राज्य स्तरीय मानस मंचों में नारी जागरण और समाज सुधार पर व्याख्यान दे चुकी हैं।
Published on:
28 May 2023 05:06 pm
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