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पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी मांगूर मछली, बाजार में खुलेआम बिक्री जारी

Banned Mangur fish: यह स्थानीय जैवविविधता के लिए खतरा बन जाती है और प्राकृतिक जलस्रोतों का पारिस्थितिक संतुलन बिगाड़ती है।

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बिक रही प्रतिबंधित मांगूर मछली (Photo source- Patrika)

बिक रही प्रतिबंधित मांगूर मछली (Photo source- Patrika)

Banned Mangur fish: स्थानीय साप्ताहिक बाजार में प्रतिबंधित मांगूर मछली की खुलेआम बिक्री हो रही है। जिससे न केवल पर्यावरणीय संतुलन को खतरा उत्पन्न हो रहा है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। सरकार द्वारा हाइब्रिड या विदेशी प्रजाति की मांगूर मछली के पालन व बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है।

यह मछली स्थानीय जलजीवों के लिए बेहद हानिकारक मानी जाती है। इसके बावजूद कोयलीबेड़ा के साप्ताहिक बाजार में बड़ी मात्रा में मांगूर मछली बेची जा रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह मछली चोरी-छिपे पालन कर दूर-दराज के क्षेत्रों से लाई जाती है और बाजार में बेची जाती है। इसके चलते मछली विक्रेताओं को अच्छा लाभ हो रहा है। मामले में मत्स्य विभाग या स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

Banned Mangur fish: लोगों का कहना है कि यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए तो यह समस्या और विकराल हो सकती है। क्यों है प्रतिबंध? थाई मांगूर एक विदेशी प्रजाति की मछली है जो तेज़ी से बढ़ती है और अन्य जलजीवों को खा जाती है। यह स्थानीय जैवविविधता के लिए खतरा बन जाती है और प्राकृतिक जलस्रोतों का पारिस्थितिक संतुलन बिगाड़ती है।

सख्त कार्रवाई हो: कोयलीबेड़ा के जागरूक नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बाजार में प्रतिबंधित मछलियों की बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाए और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।