
ढाबों में फिर बिकने और परोसी जाने लगी शराब (Photo source- Patrika)
CG News: छत्तीसगढ़ में शराब नीति और नशा नियंत्रण की घोषणाएं बार-बार होती रहीं। डॉ. रमन की सरकार में सरकारी शराब दुकानों से अवैध तस्करी रोकने की नीति लाई गई थी। तब राजस्व बढ़ा। फिर भी अवैध शराब का कारोबार नहीं रुका। कांग्रेस सरकार में आबकारी विभाग में बड़े घोटाले हुए। विभागीय अफसर जेल गए। अब भाजपा की डबल इंजन सरकार है। राज्य सरकार सुशासन का वादा करती है।
हालांकि, हकीकत जुदा है। अवैध शराब, सूखे नशे और अपराधों पर अंकुश अब भी नहीं लग पाया है। रायपुर-जगदलपुर नेशनल हाईवे पर कई ढाबों में अब भी शराब खुलेआम बेची और परोसी जाती है। 19 जुलाई की रात कुलगांव के पास स्थित एक कार दुर्घटना में चार युवक जिंदा जल गए। हादसे के बाद घायल युवकों के बयान से पता चला कि उन्होंने पहले एक ढाबे से शराब खरीदी और वहीं पी। फिर कांकेर लौटते समय हादसा हुआ। इसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने ड्रिंक एंड ड्राइव अभियान शुरू किया।
शहर में चेकिंग पॉइंट लगाए। ब्रीथ एनालाइजर से वाहन चालकों की जांच की गई। लेकिन एक महीने न बीते कि केशकाल घाट के नीचे कुछ ढाबों में फिर से शराब परोसना शुरू हो गया। स्पष्ट है कि प्रशासन की कार्रवाई अस्थायी रही। कांकेर शहर समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों में नशे के बढ़ते कारोबार और उससे जुड़े अपराधों के खिलाफ कांग्रेस ने एसपी को ज्ञापन सौंपा है। इसमें जिलेभर में बढ़ते अपराध के लिए खुलेआम चल रहे नशे के अवैध कारोबार को वजह बताया है।
इसमें बताया गया है कि गांजा, अफीम, नशीली दवाइयां जैसी सूखे नशे युवाओं तक आसानी से पहुंच रहे हैं। इससे युवाओं का मानसिक संतुलन बिगड़ रहा है। नशे की हालत में वे अपराध कर रहे हैं। बीते दिनों संजय नगर वार्ड में दो नशेड़ियों के बीच खूनी संघर्ष हुआ। बरदेभाठा वार्ड में एक युवक की हत्या हो गई। अपराधी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि संजय नगर, टिकरापारा, भवानी चौक, अन्नपूर्णापारा, गोविंदपुर जैसे कई इलाकों में खुलेआम नशे की बिक्री हो रही है। चोरी, सड़क हादसे और गाली-गलौज जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। ज्ञापन में जिले में फैले सट्टे के अवैध कारोबार और पुलिस से मिलीभगत का भी जिक्र किया गया। इस दौरान नरेश ठाकुर, हेमंत ध्रुव, मनोज जैन, रोमनाथ जैन समेत कई कांग्रेस नेता मौजूद रहे।
CG News: जिले के गांवों और ढाबों में अवैध देसी एवं विदेसी शराब की शिकायतें रोजाना आती हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। महुआ शराब बनाने वालों पर कार्रवाई सिर्फ डायरी मेंटेन करने तक सीमित रहती है। जिला आबकारी विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 जुलाई तक 49 मामले दर्ज किए गए। इनमें 45 लीटर महुआ, 17 लीटर विदेशी और 4 लीटर देशी शराब जब्त की गई। उधर, ट्रैफिक पुलिस ने तीन महीनों में ड्रिंक एंड ड्राइव के 27 मुकदमे दर्ज किए। करीब 2.70 लाख जुर्माना वसूला। सिर्फ जुलाई महीने में शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों में 1.50 लाख रुपए का चालान काटा गया है।
Published on:
31 Jul 2025 01:46 pm
बड़ी खबरें
View Allकांकेर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
