
Chhattisgarh News: कांकेर जिले के ग्राम छोटेबेटिया के कन्या आश्रम में पदस्थ अधीक्षिका को आश्रम में पढ़ने वाली एक छात्र के गर्भपात व धर्मातंरण के मामले में बीते दिनों कलेक्टर द्वारा निलबंन का आदेश जारी किया गया था। इसके साथ ही एक जांच टीम गठित कर मामले की जांच किया गया। जब जांच टीम मामलें की छानबीन करने गांव पहुंची तो गांव वालों से शिकायतकर्ता से जब पूछताछ की तो हैरान कर देने वाली बात सामने आई।
शिकायतकर्ता का कहना था कि हमनें मामले पर कोई शिकायत नहीं किया है।वहीं जांच टीम द्वारा लोगों को पूछताछ करने पर पता चला कि आवेदन को छोटेबेटिया के ही एक शिक्षक अरूण सिन्हा द्वारा बनाया गया था। जिस पर शिकायतकर्ताओं को हस्ताक्षर कराया गया था। फिलहाल मामले का खुलासा होने पर प्रशासन द्वारा शिक्षक अरूण सिन्हा पर कार्यवाही करते हुए निलंबित कर दिया है।
वहीं आदिवासी समाज के लोगों द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंप अधिक्षिका पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते अधिक्षिका पर हुई निलंबन की कार्यवाही को वापस लेने का मांग (Chhattisgarh News) किया गया है। वहीं मांग पूरा नहीं होने पर समाज के लोगों ने उग्र आंदोलन करने की बात कही है।
Chhattisgarh News: मामला बीते मई जून माह का बताया जा रहा है जिसमें एक माह पहले ही शिकायत किया गया था कि छोटेबेटिया कन्या छात्रवास में रहकर पढ़ाई करने वाली एक छात्रा गर्भवती हो गई है, जिसका आश्रम के अधिक्षिका द्वारा आश्रम में ही गर्भपात कराया गया है। शिकायत के बाद प्रशासन ने कन्या आश्रम की अधिक्षिका को तत्काल निलंबन कर दिया गया है। मामले पर मंगलवार को परलकोट उराव आदिवासी समाज के लोगों ने कलेक्टर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन सौंपने के दौरान समाज के अध्यक्ष चमरू मिंज ने पत्रिका से बातचीत करते हुए बताया कि आवासीय कन्या छात्रावास छोटेबेटिया की अधिक्षिका पर छात्रावास की छात्रा के गर्भपात कराने व धर्मातंरण (Chhattisgarh News) कराने का आरोप बेबुनियाद है। जिसे शिकायतकर्ता सविता नायक छोटेबेटिया सरपंच ने स्वंय आरोपों को बेबुनियाद एंव अफवाह करार दिया है और इन आरोप के पीछे आपसी रंजिश की बात कही है।
Chhattisgarh News: आवेदनकर्ता सरपंच द्वारा यह तथ्य सामने आया कि इस पूरे मामले का साजिशकर्ता शिक्षक अरूण सिन्हा है। इसलिए इस आरोपों के तहत कन्या आश्रम के अधिक्षिका को निलंबित करना निराधार हैै क्योंकि यह आरोप बेबुनियाद एवं एक साजिश है जिसके तहत अधीक्षिका पर निलंबन की कार्यवाही किया गया है। जिसका आदिवासी समाज निंदा करता है और यह मांग करता है कि अधीक्षिका के निलंबन का आदेश निरस्त कर बहाल किया जाए।
ज्ञापन सौंपने के दौरान परबल केरकेटटा उपाध्यक्ष, दशरथ एक्का सचिव, सूरज एक्का कोषाध्यक्ष, दिलीप लकड़ा संयुक्त सचिव ने कहा कि कन्या छात्रावास की अधीक्षिका का निलबंन की कार्यवाही को अविलंब समाप्त किया जाए यदि एक सप्ताह के अंदर उचित कार्यवाही नहीं की जाती है तो समाज उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा जिसका पुरा जिम्मेदार शासन प्रशासन की होगी।
Updated on:
29 Aug 2024 06:29 pm
Published on:
29 Aug 2024 05:52 pm
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