कांकेर. छत्तीसगढ़ के कांकेर (Crime in Kanker) जिले में एक सनसनीखेज हत्या मामले में कोर्ट ने आरोपी बेटे को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने अर्थदंड की सजा भी सुनाई है। अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर आरोपी को 3-3 माह की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी।
दरअसल, घटना 20 मार्च 2018 की है। मिली जानकारी के अनुसार आरोपी राधेलाल जुर्री (33) की अपने पिता प्रताप जुर्री के साथ किसी बात को लेकर आपस में विवाद हो गया था। आरोपी राधेलाल जब रात करीब 11 बजे के बाद घर पहुंचा तो उसका पिता भड़क गया और डांटने लगा।
प्रताप ने बेटे से कहा, तुम इधर-उधर घुमते रहते हो, कोई काम नहीं करते हो, अब एक रुपए तुम्हें किसी काम के लिए नहीं दूंगा। पिता की डांट पर बेटा राधेलाल आगबबूला हो गया और गाली-गलौज पर उतारू हो गया। बाप-बेटे में कहासुनी इतना अधिक विवाद बढ़ गया कि राधेलाल ने लाठी से अपने ही पिता के सिर पर ताबड़तोड़ प्रहार कर दिया। आरोपी की मां बचाने के लिए दौड़ी तो उसे भी लाठी से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया।
बेटे के ताबड़तोड़ हमले में पिता बुरी तरह लहुलूहान हो गया। थोड़ी देर बाद पिता की मौके पर ही मौत हो गई। पिता की मौत के बाद आरोपी बेटा मौके से फरार हो गया। बेटे की पिटाई से मां भी घर में जख्मी हालत में पड़ी थी। पड़ोसी घर से आ रही जोर-जोर आवाज को सुनकर मौके पर पहुंचे तो नजारा देख आंखें फटी की फटी रह गई।
पड़ोसियों ने देखा कि फर्श पर खून के छीेंटे बिखरे हुए थे और खून से लथपथ प्रताप जुर्री का शव फर्श पर पड़ा था और उसकी पत्नी यानी आरोपी की मां घायल कराह रही थी। पड़ोसिसयों ने इसकी सूचना कांकेर पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बेहोशी के हालत में जमीन पर पड़े प्रताप जुर्री को अस्पताल भेजा। लेकिन डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
उधर, घायल महिला ने इलाज के बाद पुलिस को बताया कि उसका ही बेटा अपने पिता को लाठी से पीट-पीटकर मार डाला है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भादंवि की धारा 302 और 326 के तहत अपराध दर्ज कर राधेलाल को गिरफ्तार कर लिया। हत्या मामले में पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया।
कोर्ट ने गवाहों के बयान और आरोपी के कथन के बाद आरोपी राधेलाल जुर्री को दोषी करार दिया। कोर्ट ने आरोपी बेटे को धारा 302 में आजीवन कारावास और सौ रुपए का अर्थदंड और धारा 326 में 6 माह का कारावास और सौ रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर आरोपी को तीन-तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी।