
Indian Railway: भारत में इलेक्ट्रिक रेल सेवा का 3 फरवरी को 100 वीं वर्षगांठ मनाया गया। इस अवसर पर भानुप्रतापपुर-अंतागढ़ रेल खंड पर इलेक्ट्रिक गुड्स ट्रेन चलाई गई। इसके साथ ही पूरा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन इलेक्ट्रिफाई हो गया है। 100 साल पहले 3 फरवरी 1925 को पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन महाराष्ट्र के दिन बॉबे विक्टोरिया टर्मिनस और कुर्ला के बीच चली थी।
उसी यादगार पल में सोमवार 3 फरवरी 2025 को भानुप्रतापपुर से अंतागढ़ तक इलेक्ट्रिक ट्रेन पहुंची। इलेक्ट्रिक ट्रेन के साथ 56 वैगन अंतागढ़ पहुंची जिसमें कच्चा लौह अयस्क अंतागढ़ से भिलाई स्टील प्लांट के लिए लोडिंग होगा। रावघाट परियोजना के चलते रावघाट से लौह अयस्य देव माइनिंग लिमिटेड कच्चा लौह अयस्य खनन और परिवहन कर अंतागढ़ रेलवे स्टेशन तक माल पहुंचती है।
Indian Railway: इलेक्ट्रिक ट्रेन के पहुंचने से रेलवे अधिकारी, भिलाई स्टील प्लांट के अधिकारियों और स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है। अब तक डीजल इंजन से ही यात्री और माल वाहक ट्रेन पहुंचा करती थी जिससे पर्यावरण भी प्रभावित होता था। अब इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने से पर्यावरण में प्रदूषण कम होगा। कार्यक्रम के दौरान रेल विकास निगम और रेल विद्युत सेवा के अधिकारी भी मौजूद थे।
रायपुर डिवीजन के एडीआरएम बजरंग अग्रवाल ने भानुप्रतापपुर में हरी झंडी दिखाकर विद्युत ट्रेन को अंतागढ़ के लिए रवाना किया। एडीआरएम बजरंग अग्रवाल ने बताया कि भारतीय रेल की विद्युतीकरण के 100 वर्ष पूर्ण हो गए हैं। इस अवसर पर दक्षिण पूर्वी मध्य रेलवे विभिन्न आयोजन कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज भानुप्रतापपुर से अंतागढ़ के बीच विद्युत् रेल सेवा शुरू होने के साथ हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि पूरा दपूमरे जोन विद्युतिकृत हो गया है।
Updated on:
04 Feb 2025 01:16 pm
Published on:
04 Feb 2025 01:14 pm
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