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कानपुर डीएम के सामने रिश्वत की चेक लेकर पहुंचा फरियादी, बोला- ओएसडी के पास पहुंचा दें, जानें क्यों?

Complainant reached DM with bribe cheque कानपुर डीएम के पास एक फरियादी 30 हजार रुपए की चेक लेकर पहुंचा और बोला यह रिश्वत की रकम है। जो उससे मांगी जा रही है। मामला कानपुर विकास प्राधिकरण से जुड़ा है। डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं।

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Complainant reached DM with bribe cheque कानपुर में मकान की रजिस्ट्री के लिए भटक रहा युवक जिलाधिकारी से शिकायत की। इस पर संबंधित अधिकारी ने रिश्वत की मांग की। युवक ने पहले तो रिश्वत देने से इनकार कर दिया। लेकिन बाद में रिश्वत की चेक लेकर जिलाधिकारी के जनता दर्शन में पहुंच गया। जहां उन्होंने रिश्वत की चेक और आवेदन पत्र देते हुए डीएम से कहा कि यह रकम संबंधित अधिकारी तक पहुंचा दी जाए। जिससे कि उनके मकान की रजिस्ट्री हो जाए। मामला सामने आने के बाद डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं। मामला कानपुर विकास प्राधिकरण से जुड़ा है। ‌संबंधित अधिकारी ने इस प्रकार की किसी घटना से इंकार किया है।

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उत्तर प्रदेश के कानपुर केडीए कॉलोनी में सोमनाथ उपाध्याय के नाम एक मकान था। जिनकी मृत्यु 24 सितंबर 2011 को हो गई। इसके बाद यह मकान उनकी पत्नी रेणु उपाध्याय और उनके तीन बेटों के नाम आ गया। जिनमें उपदेश, स्वतंत्र और स्वदेशी शामिल है। 24 अप्रैल 2024 को रेनू उपाध्याय की भी मृत्यु हो गई। नियमानुसार यह मकान उपदेश, स्वतंत्र और स्वदेशी के नाम दर्ज हो गया। तीनों भाइयों ने 31 मई 2024 को उक्त मकान को नीरज गुप्ता को दे दिया। जिसकी उन्होंने पावर ऑफ अटॉर्नी भी कर दी। नीरज गुप्ता मकान की रजिस्ट्री के लिए तब से लगातार भाग-दौड़ रहे हैं।

क्या कहते हैं नीरज गुप्ता?

नीरज गुप्ता ने बताया कि कानपुर विकास प्राधिकरण के ओएसडी अजय कुमार एक छोटे मकान की रजिस्ट्री के लिए उन्हें दौड़ा रहे हैं। इस संबंध में केडीए के उपाध्यक्ष सहित अन्य अधिकारियों से शिकायत की। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने डीएम से शिकायत की। जिसके बाद उनसे कड़ा में 30 हजार रुपए रिश्वत मांगी गई। जिसे देने से उन्होंने इंकार कर दिया। फिर उन्होंने सोचा कि दो नंबर की रिश्वत को एक नंबर में जिलाधिकारी के माध्यम से दिया जाए। उन्होंने अजय कुमार के नाम चेक और 30 हजार रुपए भर के डीएम साहब को दे दिया और निवेदन किया कि इसे केडीए के ओएसडी अजय कुमार तक पहुंचा दिया जाए। जिससे उनके मकान की रजिस्ट्री हो जाए।

दिए गए जांच के आदेश

डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने पूरे घटनाक्रम को समझा और जांच के आदेश दिए हैं। इस संबंध में केडीए के ओएसडी अजय कुमार ने बताया कि उनके पास नीरज गुप्ता नाम की कोई फाऊ नहीं है। उनके ऊपर जो भी आरोप लगाए गए हैं वह गलत है। मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।