9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

डीएम ने सीएमओ के खिलाफ की गंभीर टिप्पणी, हटाने के लिए प्रमुख सचिव को लिखा पत्र, जानें वजह

DM wrote letter to Principal Secretary to remove CMO कानपुर के जिलाधिकारी ने प्रमुख सचिव को पत्र भेज कर सीएमओ को हटाए जाने की संस्तुति की है। अपने पत्र में उन्होंने सीएमओ पर गंभीर टिप्पणी की है।

2 min read
Google source verification
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की फाइल फोटो (फोटो सोर्स- डीएम X)

फोटो सोर्स- डीएम 'X'

DM wrote letter to Principal Secretary to remove CMO कानपुर के जिलाधिकारी ने सीएमओ के खिलाफ प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने सीएमओ के भ्रष्ट कार्यों के विषय में जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत रिक्त पदों का विज्ञापन ना तो संबंधित विभाग की वेबसाइट पर जारी किया गया और ना ही साक्षात्कार का परिणाम चार दिन बाद दिया गया। सीएमओ स्वास्थ्य कर्मचारियों का मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न कर रहे हैं। भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।

यह भी पढ़ें: प्रदेश सरकार की घोषणा: गर्मी की छुट्टी 15 दिन बढ़ाई गई, जानें अब कब खुलेगा विद्यालय?

उत्तर प्रदेश के कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने सीएमओ डॉक्टर हरिदत्त नेमी के खिलाफ चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने जानकारी दी है कि सीएमओ ने 10 दिन के अंदर नौ बार स्थानांतरण का आदेश दिया है। जिसमें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आर्यन सिंह सहित अन्य डाक्टर शामिल है। सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सीएमओ का प्रशासनिक नियंत्रण नहीं है। जिससे स्वास्थ्य केंद्रों में घोर लापरवाही बरती जा रही है।

निरीक्षण में मिली खामियां

जिलाधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि फर्जी मरीजों के नाम रजिस्टर में पाए गए थे। सीएचसी, पीएचसी, काशीराम हॉस्पिटल के निरीक्षण में भी कई खामियां मिली थी।

आदेश के बाद भी नहीं की गई कार्रवाई

लेकिन आदेश के बाद भी लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ सीएमओ ने कोई कार्रवाई नहीं की। सीएमओ ने नियम विरुद्ध जाकर वित्त एवं लेखा सेवा से नामित वरिष्ठ एवं लेखा अधिकारी डॉ वंदना सिंह को वित्तीय परीक्षण एवं पदेन के कार्य से भी हटा दिया। उनकी जगह गैर वित्त सेवा कर्मी को बैठा दिया गया।

क्या कहते हैं जिलाधिकारी?

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ काफी शिकायतें मिल रही थी। अस्पताल के निरीक्षण के दौरान कई खामियां मिली। सुधार करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। डॉक्टर के तबादला भी मनमानी तरीके से किए गए। इस संबंध में प्रमुख सचिव पत्र लिखकर कार्रवाई करने की संस्तुति की गई है। ‌