
OMG! ब्याज पर उठाए बैंक के 4.41 करोड़ रुपए, कमा डाले 16 लाख रुपए रोज़
कानपुर। इंडसइंड बैंक में 4.41 करोड़ रुपए के घोटाले में बैंकिंग नियमों की धज्जियां उड़ा दी गई हैं. बैंक मैनेजर और उसके साथियों ने शाखा में आने वाली जनता के पैसे को निजी माल समझकर उसे बाजार में ब्याज पर उठा दिया. चार फीसदी रोज के ब्याज के एवज में 16 लाख रुपए प्रतिदिन की कमाई की. अब पूरा पैसा डूब गया तो बैंक प्रबंधन ने एफआईआर दर्ज कराई है.
ऐसी मिली है जानकारी
इंडसइंड बैंक सिविल लाइंस शाखा की कैश होल्डिंग लिमिट 25 लाख रुपए है. इसके खिलाफ होल्डिंग लिमिट 4.5 करोड़ की जा रही थी. ये सिलसिला लगातार दो महीने से यूंही चल रहा था. जिस शाखा की जितनी कैश होल्डिंग लिमिट होती है, उतनी रकम का बीमा होता है. यानी इंडसइंड बैंक में जमा केवल 25 लाख रुपए का बीमा था और उसके ऊपर के लगभग 4.25 करोड़ रुपए पूरी तरह से भगवान भरोसे थे. बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के मुताबिक शाखा में उसकी होल्डिंग लिमिट से ऊपर आने वाले कैश को उसी दिन शाम छह बजे तक हर हाल में करेंसी चेस्ट भेजना होता है. चेस्ट में रकम पहुंचने के बाद न केवल उसका बीमा कवर होता है, बल्कि आरबीआई 6 फीसदी का ब्याज भी देता है.
ब्याज पर उठाई जा रही थी रकम
बैंक के कुछ स्टाफ ने मैनेजर से कहा भी कि 25 लाख रुपए से ऊपर की रकम को करेंसी चेस्ट भेजिए, लेकिन सभी नियमों को दरकिनार कर दिया गया. करीब दो महीने से ये खेल ऐसे ही चल रहा था. 25 लाख रुपए से ऊपर की पूरी रकम बाजार में ब्याज पर उठाई जा रही थी. चार फीसदी रोज की दर पर उठाई जाने वाली इस रकम से 16 लाख रुपए रोज की कमाई हो रही थी. पहले पैसा वापस पाने के लिए प्रबंधन अंदर ही अंदर प्रयास करता रहा. जब रकम वापस नहीं मिली तब एफआईआर कराई गई. नियम के अनुसार 25 लाख रुपए से ऊपर के फ्रॉड की सूचना रिजर्व बैंक को देनी चाहिए, लेकिन मामले को लंबे समय तक दबाए रखा गया.
Published on:
15 Nov 2018 08:30 am
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