
फोटो सोर्स- पुलिस कमिश्नरेट कानपुर
Former SHO inspector dismissed. कानपुर में घर में चोरी के मामले में पुलिस ने मां-बेटी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद दोनों को वन स्टाफ सेंटर में दाखिल कराया था। दूसरे दिन महिला का शव फांसी के फंदे से लटका मिला था। मामला काफी चर्चा में आया था। इस मामले में थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज के खिलाफ जांच बैठाई गई थी। जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद थाना प्रभारी को 'क्यों ना बर्खास्त कर दिया जाए' के संबंध में नोटिस देते हुए जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था। समय सीमा बीतने के बाद भी थानाध्यक्ष का जवाब नहीं आया। संयुक्त पुलिस आयुक्त ने तत्कालीन थाना प्रभारी को बर्खास्त कर दिया। चौकी इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई जारी है, यह जानकारी दी गई। मामला नवाबगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा है। बर्खास्त इंस्पेक्टर का नाम कानपुर के चर्चित अधिवक्ता अखिलेश दुबे से जुड़ा है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर के नवाबगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत एनआरआई सिटी के रहने वाले व्यापारी के घर में 17 अप्रैल 2022 को चोरी की घटना हुई थी। इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी आशीष द्विवेदी और चौकी इंचार्ज नवाबगंज रानू रमेश चंद्र ने घर में काम करने वाली मां-बेटी को पूछताछ के लिए उठाया था। रात को करीब 2 बजे दोनों को वन स्टाफ सेंटर में दाखिल करा दिया। महिला का शव दूसरे दिन बाथरूम के अंदर वन स्टाफ सेंटर के बाथरूम के अंदर फांसी के फंदे से लटकता मिला। बताया गया कि महिला ने फांसी का फंदा लगा जान दे दी है।
वन स्टाफ सेंटर में फांसी के फंदा लगाकर महिला के आत्महत्या करने के मामले में जांच बताई गई थी। जांच में तत्कालीन थाना प्रभारी आशीष द्विवेदी और रानू रमेश चंद्र जोशी पाए गए थे। संयुक्त पुलिस आयुक्त ने तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को बर्खास्तगी के मामले में नोटिस देकर 15 नवंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा था, लेकिन समय बीत जाने के बाद भी इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी का जवाब नहीं आया। जिस पर संयुक्त पुलिस आयुक्त ने इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को बर्खास्त कर दिया। दरोगा रानू रमेश चंद्र पर कार्रवाई जारी रहने की जानकारी दी गई है।
Published on:
16 Nov 2025 08:25 am
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