प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को बैराज स्थित अटल घाट पर सूबे के मत्स्य विकास मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद पहुंचे। गंगा में घटती संख्या को देखते हुए बड़ी संख्या में मछलियां छोड़ी जानी थीं। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले 100 दिनों में शामिल इस कार्यक्रम में मंत्री को 40 हजार मछलियां गंगा में डालनी थीं। इन्हें मत्स्य विभाग ने लखनऊ के नेशनल फिशरीज रिसर्च सेंटर से मंगवाया था। लखनऊ से रात में पॉलीथिन में भरकर मछलियां ट्रक से अटल घाट लाई गईं। संजय निषाद एक घंटा लेट आए तो पैकेट भी कड़ी धूप में ट्रक पर ही पड़े रहे। इन्हें बाहर निकालने तक की किसी ने जहमत नहीं उठाई। मंत्री के आने के बाद मछलियां उतारकर लाई गईं। इन्हें पानी में जैसे ही छोड़ा गया तो तैरने की बजाए सतह पर ही उतराने लगीं। मंत्री ने जैसे ही पैकेटों को गंगा में पलटाया तो एक के बाद एक हर पैकेट से मरी मछलियां निकलकर उतराने लगीं।
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स्वदेशी 5-जी नेटवर्क तैयार, आईआईटी ने की पहली वीडियो कॉल, इस तरह आसान करेगा काम तेज धूप में घुट कर मर गई मछलियां संजय निषाद ने विभाग के उपनिदेशक डॉ. नूरुल हक और सहायक निदेशक एनके अग्रवाल को मरी मछलियां दिखाते हुए फटकार लगाई। आशंका जताई जा रही है कि मछलियों की मौत दम घुटने से हुई क्योंकि इन्हें पॉलीथिन में पैक कर लखनऊ से लाया गया था। अफसरों ने बताया कि पैकिंग से लेकर गंगा में पानी छोड़े जाने के बीच काफी समय लगा। तेज धूप से पैकेट की ऑक्सीजन खत्म होने से मछलियों का दम घुट गया।
मछलियों का शिकार करने वालों की खैर नहीं मंत्री ने गंगा में मछलियों के अवैध शिकार को नकारते हुए कहा कि दो महीने तक शिकार पर रोक है। किसी ने इसकी कोशिश की तो कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी। बोले, प्रदेश में पांच साल पहले भारी संख्या में मछलियों का अवैध शिकार होता था, अब उनके संरक्षण पर काम हो रहा है। उन्होंने मछली कारोबार से जुड़े लोगों का बीमा करवाने के निर्देश दिए।