
कानपुर। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पुलिस को अपनी कार्यपणाली बदलने के दावे चाहे जितने कर लें, पर खाकीधारी सुधरने के बजाए अपने कार्य से खुद के साथ सरकार की क्षवि खराब करने से बाज नहीं आ रहे है। देररात कानपुर की पुलिस का ऐसा ही चेहरा सामने आया, जब कार की टक्कर से भिखारी घायल हो गया। चौराहे पर खड़े डायल सौ के सिपाही उसे अस्पताल भिजवाने के बजाए आपस में हंस रहे थे, तभी एक छात्र की नजर घायल पर पड़ी तो वह सिपाहियों के पास गया। छात्र ने घायल को अस्पताल ले जाने की फरियाद की, पर पुलिसकर्मी ख्ून से गाड़ी खराब होने के बहाना बनाकर उसे रिक्शे में रखवा दिया। रिक्शा चालक जैसे ही सागर मार्केट पहुंचा, उसे सिपाहियों ने रोकने को कहा। सिपाहियों ने रिक्शा चालक को पैसे देकर भिखारी को झांड़ियों में फिंकवा कर वहां से चले गए। पुलिस की यह करतूत छात्र देख रहा था। उसने बुजुर्ग को अपने गोद में उठाकर अस्पताल में एडमिट करवाया।
रईसजादे ने मारी टक्कर
फूलबाग चौराहे के पास देररात भिखारी रघुरान (47) फुटपाथ पर भीख मांग रहा था, तभी एक रईसजादे की कार ने उसे रौंद दिया। जिसके चलते भिखारी गंभीर रूप से घायल हो गया। राहगीरों ने कार चालक को पकड़ लिया और घायल को अस्पताल ने जाने को कहा। कार चालक भिखारी को अस्पताल ले जाने के लिए निकला, पर उसने भी दगाबाजी करते हुए उसे मालरोड स्थित टेलीफोन एक्सचेंज के पास फेंक कर वहां से भाग खड़ा हुआ। शरीर पर गहरे जख्म होने के चलते भिखारी दर्द के चलते चिल्ला रहा था, पर कोई मदद को नहीं आया। इसी दौरान बाइक से दिल्ली युनीवर्सिटी छात्र सूर्यकांत की नजर घायल पर पड़ी तो वह मौके पर जाकर घायल को पानी पिलाया और डायल सौ के सिपाहियों से उसे अस्पताल भिजवाए जाने की गुहार लगाई।
खून के चलते खराब हो जाएगी कार
छात्र के कहने पर सिपाही घायल के पास आए, लेकिन उसे कार में बैठाने से साफ मना कर दिया। सूर्यकांत ने बताया कि सिपाहियों ने कहा कि खून के चलते कार गंदी हो जाएगी। उन्होंने एक रिक्शेवाले को रोका और भिखारी को उसी में रखवा दिया। सिपाहियों ने घायल को केपीएम अस्पताल ले जाने को कहा। रिक्शाचालक उसे लेकर जैसे ही फूलबाग स्थित सागर मार्केट के पास पहुंचा वैसे ही सिपाहियों ने उसे रोक लिया और घायल को वहीं पर झाड़ियों में फिंकवा कर निकल गए। छात्र ने बताया कि मैं पुलिस की चाल को पहले से भांप गया था और इसी के चलते रिक्शे के पीछे-पीछे चल रहा था।
छात्र ने पहुंचाया अस्पताल
प्ुलिस की करतूत के चलते भिखारी की सांसे थमने वाली थी। छात्र ने बताया कि मैंने उसे गोद में उठाया और एक ऑटों में उसे बैठाकर केपीएम अस्पताल में जाकर एडमिट करवाया। इस दौरान उसका खून अधिक बह जाने के चलते वह बेहोस हो गया। छात्र ने बताया कि पुलिस की करतूत के बाद सरकारी सिस्सम का नजारा मुझे दोबारा देखने को मिला। मैंने एम्बूलेंस को फोन किया, पर वहां से कोई नहीं आया। छात्र ने कहा ऐसे पुलिसकर्मियों को किसी भी कीमत पर वर्दी पहनने का हक नहीं। वहीं मामले पर एसपी अनुराग आर्या ने बताया कि मेरी जानकारी में ऐसा कोई प्रकरण नहीं आया। बावजूद हम खुद इसकी जांच करेंगे और सच्चाई की तह तक जाकर पड़ताल करेंगे। अगर एक भी पुलिसकर्मी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएर्गी
Published on:
25 Feb 2018 02:05 pm
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