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इनकाउंटर स्पेशलिस्ट ने करवा दी मुनादी, मुख्तार के शूटर की उल्टी गिनती शुरू

रईस बनारसी पिछले तीन सालों से चल रहा फरार, कईबार मुठभेड़ के बाद पुलिस से बच निकलना शूटर, एसएसपी अनंत देव की लिस्ट पर अपराधी, परिजनों के जरिए सरेंडर की बात पहुंचाई

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proclamation in kanpur for catch the rais banarasi and criminals

इनकाउंटर स्पेशलिस्ट ने करवा दी मुनादी, मुख्तार के शूटर की उल्टी गिनती शुरू

कानपुर। एसएसपी अनंत देव के चार्ज संभालते ही अयाराम-गयारात की दुनिया में हड़कंप मच गया है। एसएसपी ने शहर के अपराधियों को अल्टीमेंटम देते हुए सरेंडर करने की चेतावनी दी है। साथ गोली का जवाब गोली के जरिए दिए जाने का फरमान जारी कर दिया है। इसी के मुख्तार गैंग का शार्प शूटर व पचास हजार रूपए की इनामी रईस बनारसी को दबोचने के लिए जहां तेज-तर्राक पुलिस अफसरों के अलावा एसटीएफ को लगाया गया है, वहीं पुलिस ने अपराधी के घर के बाहर मुनादी करवा भगोड़ा मुजरिम घोषित किया। साथ उसकी सूचना देने वालें को इनाम की राशि दिए जाने का ऐलान किया गया है। रईस बनारसी पिछले तीन सालों से फरार चल रहा है और उसके खिलाफ 50 से ज्यादा मामले कानपुर के अलावा अन्य जनपदों में दर्ज हैं।

कौन है रईस बनारसी
अनवरगंज के हीरामन का पुरवा से जरायम की दुनिया में पैर रखने वाले रईस सिद्दीकी उर्फ रईस बनारसी को प्रदेश के बड़े क्रिमिनल्स के तौर पर जाना जाता है। भाई की हत्या के बाद बनारस में दशाश्वमेघ घाट स्थित खालिसपुरा मकान नम्बर- डी 33/191 स्थित अपने ननिहाल में इसने पनाह ली। इस दौरान इसने बनारस के राजेश अग्रहरी, राजकुमार उर्फ गुड्डू मामा, बच्चा यादव, अवधेश सिंह ,बाले पटेल, पंकज उर्फ नाटे और कटेसर (रामनगर) के जावेद खां को मिलाकर एक गैंग बना लिया। सूत्रों की विधायक मुख्यार अंसारी का मिला हुआ था। जिसके कारण पुलिस भी इसकी गिरेबान तक पहुंचने से कतराती थी।

इस लिए नाम बनारसी पड़ा
बनारस में रहने के कारण क्राइम वर्ल्ड में लोगों ने रईस का नाम रईस बनारसी के नाम से जाना. गैंग चलाने के लिए उसने लूट व हत्या के साथ मुंगेर (बिहार) से विदेशी असलहों की तस्करी शुरू कर दी। बिहार से यह असलहे रुई, कबाड़ और भूसें के ट्रकों में छिपाकर प्रदेश में लाये जाते थे। सूत्रों की मानें तो रईस की गिनती उन चंद खूंखार बदमाशों में होती है जो लूट, रंगदारी के लिए जान लेने से नहीं हिचकते। कानपुर में भाई नौशाद के हत्यारे शानू ओलंगा से बदला लेने की कसम खाने वाले रईस सिद्दीकी ने जब क्राइम वर्ल्ड में कदम रखा तो उसे कुछ लोगों का ही सपोर्ट था लेकिन उसने अपने बल पर मुन्ना बजंरगी से सम्पर्क किया और पहले उसके साथ काम शुरू किया। कुछ ही वक्त बाद अपना गैंग बनाकर उसने भाई की हत्या का बदला लिया।

इसके कारण करवाई गई मुनादी
पिछले तीन सालों से पुलिस को चकमा देकर बचता रहा शार्प शुटर रईस बनारसी का नाम एसएसपी अंनत देव की लिस्ट में पहले नंबर पर है। इसी के चलते उन्होंने इस खतरनाक अपराधी के खात्में के लिए उसके मोहल्ले मे मुनादी करवाई। पुलिस कर्मी माइक के जरिए रईस के बारे में जानकारी देने वाले को पचास हजार का इनाम देने का ऐलान कर रहे थे। पुलिस ढोल पिटवाकर शार्प शूटर के नाम का ऐलान कर रही है जिसकी पुलिस को तलाश है और वो ढूंढें नहीं मिल रहा है। इस मामले नी रईस बनारसी के बड़े भाई मोहम्मद नईम से जब उसके बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि सन 1990 से वो यहां से जाकर बनारस में रह रहा है। कई सालां से उसकी शक्ल तक नहीं देखी। नईम का कहना है कि ऐसे अपराधी से हमारा कोई रिश्ता नहीं है।

पब्लिक की मदद से दबोचा जाएगा शूटर
एसएसपी के आदेश पर रईस बनारसी के बेकनगंज घर के बाहर जब पुलिस ढोल बजवाकर मुनादी करवाने पहुंची और लोगो को बताया कि उसकी ज़िंदा या मुर्दा होने की जानकारी देने वाले को 50 हजार का इनाम दिया जायेगा। सब इन्स्पेक्टर लोगो को रईस बनारसी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि रईस बनारसी को पकड़ने के लिए मुनादी कराई जा रही है । रईस बनारसी उत्तर प्रदेश पुलिस का इनामी अपराधी है। जहां पर मुनादी कराई जा रही है वो मकान उसके भाई और परिवार का है। मामले पर एसपी सुरेंद्र दास का कहना है कि शार्प शूटर रईस बनारसी पर इनाम घोषित करने के साथ साथ मुनादी के जरिए लोगों को उसके बारे में बताया गया की वो किस तरह का अपराधी है। एसपी सुरेंद्र दास के मुताबिक अपराधियों और अपराध पर लगाम लगाने के लिए खुंखर अपराधी रईस बनारसी के घर व मोहल्ले में मुनादी कराई गयी है। मुनादी से अपराधियों में भय व्याप्त होगा जिससे अपराध पर अंकुश लगेगा।