पद्मश्री प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल का कहना है कि देश में कोरोना वायरस के केसों का अध्ययन उन्होंने सूत्र मॉडल के आधार पर किया। जिसके तहत देश के लिए कोविड का ये अब स्थिर हो चुका है। वर्तमान में कोरोना के केसों में हो रही वृद्धि सिर्फ केवल छोटी लहर की तरह है। उन्होंने बताया कि जुलाई महीने के बीच रोजाना 20 से 25 हजार केस के साथ यह पीक पर होगी। उन्होंने बताया कि इसके पीछे सबसे बड़ा कारण लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजाेर होना है।
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ज्ञानवापी परिसर के ढांचे में छे़ड़छाड़ मामले में आज आ सकता है आदेश अति संवेदनशील क्षेत्रों में दो से तीन फीसदी की वृद्धि प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि पहले देशभर के आंकड़े स्पष्ट नहीं होने के कारण इस चरण का अनुमान लगाना मुमकिन नहीं था। उन्होंने बताया कि सूत्र मॉडल के आधार पर वर्तमान में कोरोना के केसों में हो रही वृद्धि मुख्य रूप से प्राकृतिक प्रतिरक्षा की कमी के चलते है। अति संवेदनशील आबादी वाले क्षेत्रों में ये वृद्धि दो से तीन फीसदी है।
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जुमे की नमाज पर चौकसीः पुलिस-प्रशासन ने मुस्लिम संगठनों संग की बैठक लोगों से की ये अपील उन्होंने बताया कि भविष्य में भी इस तरह की और लहर आने की उम्मीद है, क्योंकि कुछ समय बाद लोग प्राकृतिक प्रतिरक्षा गंवा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब तक कोरोना का कोई नया म्यूटेंट नहीं आता, तब तक किसी बड़ी लहर की आशंका नहीं है। अब तक मिले म्यूटेंट ऐसा नहीं कर सके हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि कोरोना से बचने के लिए कोविड गाइडलाइन का पालन जरूर करें। मास्क के साथ ही घरों से बाहर निकलें।