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Sonu Sood से डेढ़ करोड़ की डील की बात करने वाला आज बेच रहा कचौरी!

Sonu Sood Deal Claim: पुलिस रिमांड में पोंजी स्कीम सरगना रविंद्रनाथ सोनी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। देहरादून में कचौरी का ठेला लगाने से लेकर करोड़ों की डील, 33 बैंक खाते और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क तक सामने आए हैं।

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सांकेतिक फोटो सोर्स AI

सांकेतिक फोटो सोर्स AI

Ravindranath Soni Ponzi Scam: कानपुर में पोंजी स्कीम चलाने वाले एक सरगना ने पुलिस रिमांड में ऐसे खुलासे किए। जिनसे जांच अधिकारी भी हैरान रह गए। उसने दावा किया कि उसकी हालत इतनी खराब हो गई है कि देहरादून में कचौरी का ठेला लगाकर गुजर-बसर करना पड़ रहा है। पुलिस टीम उसकी बातों पर भरोसा नहीं कर रही थी, लेकिन बाद में जब सबूत मिले तो अधिकारी मानने को मजबूर हुए। उनका कहना है कि कई आरोपी पूछताछ से बचने के लिए ऐसे नाटक करते हैं।

रिमांड में उसने बताया कि उसने सोनू सूद के साथ 1.5 करोड़ की डील की थी, लेकिन द ग्रेट खली से किसी तरह का समझौता करने से इनकार किया। उसका कहना था कि खली को सिर्फ प्रमोशन के लिए बुलाया गया था। सोनी ने अपनी ब्लू-चिप कंपनी के चार पार्टनरों के नाम भी बताए है। जिसमें बिहार का विभाष त्रिवेदी, गुजरात के हितेश और मोहन, और चेन्नई का सूरज। पुलिस कमिश्नर रघुबीर लाल का कहना है कि इन सभी को नोटिस भेजे जाएंगे, क्योंकि जांच में अभी तक 33 बैंक खाते सामने आए हैं।

एसआईटी अधिकारियों के मुताबिक, सोनी ने कंपनी कैसे चलती थी और उसने अपना करियर कैसे शुरू किया। यह सब विस्तार से बताया। पहले कंपनी का रजिस्ट्रेशन मॉरीशस में कराया। और फिर दुबई में बड़ा दफ्तर खोला। जहां नेताओं, फिल्मी कलाकारों और खिलाड़ियों को बुलाया गया। उसने बताया कि नौकरी की शुरुआत दिल्ली के एक प्राइवेट बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर के तौर पर की। फिर हैदराबाद में सेल्स-मार्केटिंग में काम किया।

दुबई में वह RAK बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर था। जहां उसे 10,000 दिरहम और कई सुविधाएं मिलती थीं। बाद में उसने एक इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी की। जहां तनख्वाह 30–40 हजार दिरहम हो गई। इसके बाद उसने फॉरेक्स के धंधे में कदम रखकर अपना कारोबार शुरू करने की तैयारी की और सेल्स मैनेजर व चैनल पार्टनर जुटाने लगा।

एसआईटी के अनुसार, सोनी ने बताया कि उसने दिल्ली से बीकॉम और IIPM से MBA किया है। उसके पिता रक्षा मंत्रालय में सेक्शन ऑफिसर थे। छोटा भाई RML अस्पताल दिल्ली में डॉक्टर है। और बहन मालवीय नगर में रहती है।

पुलिस का कहना है कि सोनी के मुताबिक उसके सिर्फ 300 ग्राहक हैं। जिन्होंने लगभग 80–90 करोड़ लगाए थे। और यह पैसा शेयर मार्केट में लगाया गया था। पूछताछ में उससे अमेरिका में रहने वाली गुरमीत नाम की महिला के बारे में भी सवाल हुए, जिस पर उसके बैंक खातों को संभालने का शक है। अफसरों ने उसके परिवार, महिला मित्र और बेटी से जुड़े सवाल भी पूछे। एसआईटी ने सोनी को पीड़ितों के सामने भी खड़ा किया। वहां मौजूद लोगों ने उस पर खूब गुस्सा निकाला, जबकि सोनी चुपचाप खड़ा रहा।

पोंजी फ्रॉड: रविंद्रनाथ सोनी पर दो और FIR

कानपुर में मंगलवार देर रात कोतवाली थाने में रविंद्रनाथ सोनी के खिलाफ धोखाधड़ी की दो और FIR दर्ज हुईं। यह शिकायतें UAE में रहने वाले दो एनआरआई—विशाल सिंह और प्रदीप कुमार सिंह—ने दी हैं। एसीपी कोतवाली आशुतोष सिंह के मुताबिक दोनों मामलों की जांच शुरू हो चुकी है।

पोंजी घोटाले के सरगना पर अब तक पांच FIR दर्ज

अब तक सोनी पर पांच FIR दर्ज हो चुकी हैं। और सभी की जांच एसआईटी कर रही है। कई और शिकायतें भी आने वाली हैं। कुछ मामले एमपी, महाराष्ट्र और केरल से आए हैं, जिनमें शिकायत करने वालों को बुलाया गया है।

निवेशकों से सोनी खुद को कंपनी का मालिक और सोनू सूद को ब्रांड एंबेसडर बताता

शारजाह में रहने वाले मुंबई के रहने वाले विशाल सिंह की शिकायत के अनुसार, ब्लूचिप कंपनी के एजेंट अमित शर्मा ने उनसे संपर्क किया। और उनकी सलाह पर 1 मई 2023 को उन्होंने 9.3 लाख रुपये निवेश किए। सोनी खुद को कंपनी का मालिक और सोनू सूद को ब्रांड एंबेसडर बताता था। और 3% महीना मुनाफा देने की बात करता था। शुरुआती भुगतान सही चलते रहे, लेकिन जब विशाल की बहन को कैंसर हुआ तो उन्होंने सोनी के वादों पर भरोसा कर UAE बैंक से अगस्त 2023 में 45 लाख और अक्टूबर में 30.6 लाख का कर्ज ले लिया।

ताकि मिलने वाले रिटर्न से 84.3 लाख रुपये का लोन चुका सकें। लेकिन कुछ ही समय बाद ब्याज आना बंद हो गया। फिर ब्लूचिप की गुर्नीत कौर नाम की महिला का मेल आया कि अब रकम टोकन के रूप में मिलेगी। दो हफ्ते बाद कंपनी का दफ्तर खाली मिला। अब उनकी सैलरी का आधा हिस्सा सिर्फ कर्ज चुकाने में जा रहा है। प्रदीप कुमार सिंह, जो भदोही के रहने वाले हैं। और अबू धाबी में रहते हैं। उन्होंने FIR में बताया कि उन्होंने 15 नवंबर 2023 को ब्लूचिप कमर्शियल ब्रोकर में 91,750 दिरहम (करीब 22 लाख रुपये) लगाए थे।