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बिना सरकारी फंड के बनेगा 450 बेड का गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रखी आधारशिला

IIT Kanpur: आईआईटी, कानपुर में गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी और यदुपति सिंघानिया सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की आधारशिला रखी गई।

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School of Medical Sciences to be built of 450-bed without govt money in IIT Kanpur Dharmendra Pradhan lay the foundation stone

School of Medical Sciences to be built of 450-bed without govt money in IIT Kanpur Dharmendra Pradhan lay the foundation stone

केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दानदाताओं के साथ शनिवार को आईआईटी, कानपुर में गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी और यदुपति सिंघानिया सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की आधारशिला रखी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह साधारण मेडिकल स्कूल नहीं होगा, बल्कि दुनिया को इस क्षेत्र में नई राह दिखाने वाला होगा। स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना कर सकेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो समाज की चिंता करता है, भगवान उसकी चिंता करता है। जिन पूर्व छात्रों व अन्य ने दान दिया है उनसे सीख लेने की जरूरत है। हमारा काम सामाजिक सरोकारों से जुड़ना चाहिए। जब हम समाज से जुड़ते हैं तो उसका लाभ व्यापक होता है। आईआईटी कानपुर इस दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।

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जीवन में ड्रोन को उपयोगी बनाएंगे

मंत्री ने कहा कि भारत सरकार का स्किल डेवलपमेंट विभाग ड्रोन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आईआईटी कानपुर के साथ समझौता करेगा। ड्रोन के उपयोग को विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ावा दिया जाएगा। दैनिक जीवन में ड्रोन को उपयोगी बनाया जाएगा। इसका उपयोग खेती, आपदा प्रबंधन, सामान की ढुलाई, सर्विलांस, सुरक्षा आदि में किया जा सकता है। आईआईटी की मदद से ऑपरेटर्स, रिसर्चर और मेंटिनेंस के लिए मानव संसाधन तैयार किया जाएगा।

दानदाताओं ने मुट्ठी खोली

आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि समारोह में उपस्थित विशेष शोध अस्पतालों के लिए प्रमुख दानदाता पूर्व छात्र और सह-संस्थापक, इंडिगो एयरलाइंस के राकेश गंगवाल ने 100 करोड़ रुपये दान किए हैं। जेके सीमेंट के चेयरमैन डॉ. निधिपति सिंहानिया, चेयपर्सन सुशीला सिंहानिया ने 60 करोड़ और हेमंत जालान ने 18 करोड़ रुपये दान किए हैं। इस अवसर पर उप निदेशक प्रो. सुब्रमण्यम गणेश, मुक्तेश पंत, विनीता पंत, प्रोफेसर आशुतोष शर्मा आदि उपस्थित थे। अध्यक्षता आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन ने की।

बायोमास वेस्ट पर शोध की जरूरत

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक दशक बाद भारत ऊर्जा की सबसे ज्यादा खपत वाला देश बन जाएगा। अभी हम तीसरे स्थान पर हैं। तीन चौथाई ऊर्जा की खपत हमारे देश में होती है। ऐसे में केवल क्रूड ऑयल के भरोसे नहीं रहना है। हमारे देश में 600 मिलिन टन बायोमास वेस्ट है। इससे ऊर्जा पैदा करने पर सर्वाधिक शोध की जरूरत है। फूल डॉट कॉम की तारीफ की कि केवल फूल नहीं बल्कि पूरे वेस्ट पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

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