यह नजारा था शनिवार को करौली ब्राह्मण समाज की ओर से आयोजित द्वितीय सामूहिक विवाह सम्मेलन का। इस मौके पर ब्राह्मण समाज सहित सर्वसमाज के हजारों लोगों की उपस्थिति के बीच 18 जोड़े अग्नि के समक्ष फेरे लेकर एक-दूसरे के जीवनसाथी बने।
साथ ही भगवान सालिगराम और तुलसीजी का भी विवाह सम्पन्न हुआ। राजकीय पीजी महाविद्यालय के पीछे मैदान पर आयोजित सम्मेलन के तहत सुबह करीब 11 बजे गौशाला स्थित अशोक वाटिका से दूल्हों की चढ़ाई शुरू हुई। सजे-धजे दूल्हे घोड़ों पर सवार थे, वहीं महिला-पुरुष बाराती नाचते-गाते चल रहे थे। भगवान सालिगराम व तुलसीजी के विग्रह एक बग्गी में सवार थे।
एक सुसज्जित रथ में भगवान परशुराम के चित्रपट को विराजित किया गया। ब्राह्मण समाज करौली अध्यक्ष वेदप्रकाश उपाध्याय उर्फ बन्टू नेता सहित समाज के अन्य लोग आगे चल रहे थे। बारात के सम्मेलन स्थल पर पहुंचने पर तोरण व वरमाला की रस्म पूरी हुई।
इसके बाद पंडितों ने वेदमंत्रों के बीच पाणिग्रहण की रस्म पूरी कराई। शाम को दुल्हनों को विदाई दी गई। ब्राह्मण समाज की ओर से जोड़ों को सोने-चांदी के आभूषणों सहित घरेलू आवश्यकताओं की विभिन्न सामग्री उपहारस्वरूप भेंट की, तो अन्य विभिन्न समाज के लोगों ने भी सम्मेलन में आर्थिक व सामग्री प्रदान सहयोग प्रदान किया।
दहेज कुरीति को रोकने का माध्यम है सम्मेलन
सम्मेलन में जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिया ने आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। कहा कि न केवल ये पुण्य कार्य है बल्कि ऐसे आयोजन से फिजूलखर्ची रोकने में मदद मिलने के साथ आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को संबल भी मिलता है।
सम्मेलन में जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिया ने आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। कहा कि न केवल ये पुण्य कार्य है बल्कि ऐसे आयोजन से फिजूलखर्ची रोकने में मदद मिलने के साथ आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को संबल भी मिलता है।
कलक्टर ने दहेज की कुरीति को लेकर कहा कि दहेज रूपी दानव की व्यवस्था समाप्त होनी चाहिए। उन्होंने इस मौके पर सामाजिक कुरीतियों को त्यागने का संकल्प लेने की अपील की। राजपूत समाज के जिलाध्यक्ष तथा प्रमुख उद्योगपति अजयसिंह ने कहा कि ब्राह्मण अग्रणी है, सभी को साथ लेकर चलते हैं। उन्होंने समाज के लोगों से सम्मेलन की कड़ी नहीं टूटने देने और प्रतिवर्ष निरंतरता बनाए रखने की बात कही। वे बोले कि राजपूत समाज की ओर से प्रतिवर्ष सम्मेलन किए जाते हैं, यही वजह है कि इस बार हुए सम्मेलन में उम्मीद से अधिक जोड़ों का पंजीयन हुआ।
इस मौके पर उपजिला कलक्टर जगदीशप्रसाद गौड़ सहित अन्य ने भी विचार रखे। इससे पहले ब्राह्मण समाज अध्यक्ष वेदप्रकाश उपाध्याय ने जानकारी दी कि इससे पहले 12 मई को हुए समाज के प्रथम विवाह सम्मेलन में 23 जोड़ों का विवाह हुआ। वहीं समाज की ओर से पिछले आठ महिनों में चार बड़े आयोजन किए गए हैं। उन्होंने सम्मेलन में आए सर्वसमाज के अध्यक्ष-प्रतिनिधियों के लिए धन्यवाद दिया। इससे पहले अध्यक्ष उपाध्याय ने सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर व स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया।
कार्यक्रम में धू्रवघटा के संत हरेन्द्रानन्द, भाजपा के प्रदेश महामंत्री मुकेश दाधीच, हट्टीराम ठेकेदार, गंगापुरसिटी ब्राह्मण समाज अध्यक्ष हेमन्द्र शर्मा, गंगापुरसिटी के पूर्व चेयरमेन हरिप्रसाद बोहरा, मेहन्दीपुर बालाजी के सत्येन्द्र बालाजी, वैष्णव समाज के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र शर्मा, जैन समाज अध्यक्ष डीके जैन, गायत्री सर्राफ, रमेश पाराशर, त्रिलोक शर्मा, राधेश्याम शर्मा, महावीर बोहरे, बृजकिशोर शर्मा, महेशदास महन्त, शान्तनु पाराशर, मण्डरायल सरपंच योगेश शर्मा, केशव शर्मा, सुमेर शर्मा, भरतलाल सरपंच, त्रिभुवन शर्मा, पीयूष शर्मा, देवीशरण शर्मा सहित अन्य उपस्थित। कार्यक्रम का संचालन विपिन शर्मा ने किया।