गुरुवार को पंचायत समिति में ऋण माफी योजना के चेक वितरण कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री जसवंत यादव ने योजना की क्रियान्विति जानी तो चौकाने वाली स्थिति नजर आई। आईसीडीएस के अधिकारी योजना के बारे में अनभिज्ञता जताते नजर आए तो प्रभारी मंत्री ने उन्हें फटकार लगाई। बाद हरकत में आए प्रशासनिक अधिकारियों ने शुक्रवार को न्याय आपके द्वार अभियान के तहत बाईजट्ट गांव में आयोजित राजस्व लोक अदालत में योजना की समीक्षा की।
पंजीयन व किश्त वितरण में लापरवाही पाए जाने पर एसडीओ दुलीचंद मीणा ने आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक को फटकार लगाते हुए नोटिस जारी किया है। शिविर में योजना के तहत पात्र गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं का सर्वे किया गया। इसमें क्षेत्र के धुरसी में 38, बाईजट्ट में 29 व रीझवास गांव में 35 महिलाएं चिन्हित की गई।
खास बात यह रही की आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक के पास किसी भी महिला के पंजीयन से लेकर प्रोत्साहन राशि की किश्त के वितरण का रिकॉर्ड नहीं मिला। इस पर एसडीओ ने मौके पर ही आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी कर जबाब तलब किया है।
एसडीओ ने बताया कि योजना का उद्देश्य गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए मातृत्व लाभ प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि बच्चों में कुपोषण और विकार की समस्या का हल करने के लिए आंगनबाड़ी सेवा योजना का लाभ सभी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रदान किया जाता है।
तहसीलदार घनश्याम जोशी ने बताया कि राजस्व शिविर में आवास योजना के 10 पट्टे, वितरित किए तथा चार आवेदनों की स्वीकृति जारी की गई। वहीं 56 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए। इसके अलावा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के आवेदन लिए गए। साथ ही नामांतकरण के 46 , भामाशाह कार्ड के 32, मूल निवास 37, जन्म-मृत्यू प्रमाण पत्र के चार प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इस दौरान विकास अधिकारी नंदलाल शर्मा, सरपंच गोविन्दसिंह भी मौजूद थे।