कार्य में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार की ओर से सहयोग का आश्वासन भी दिया है। मुख्यमंत्री ने इस कार्य की प्रगति पर नजर रखने के लिए विशिष्ट सचिव कुलदीप रांका को जिम्मेदारी सौंपी है। चतुर्वेदी ने बताया कि विशिष्ट सचिव ने उच्च न्यायालय में रेल विकास समिति और करौली जिला समाज की ओर से दायर जनहित याचिका के संदर्भ में राज्य सरकार की ओर से सकारात्मक उत्तर देने के लिए विधि विभाग को निर्देश प्रदान किए हैं।
गौरतलब है कि करीब 8 वर्ष पहले धौलपुर-गंगापुरसिटी वाया करौली रेल परियोजना स्वीकृ़त की गई थी। दशकों पुरानी इस मांग के पूरा होने पर लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। सर्वे के लिए बजट स्वीकृत होने के बाद लाइन का सर्वे कार्य भी कर लिया गया। इसके बाद सरमथुरा में इस रेल परियोजना का शिलान्यास भी कर दिया गया। बजट स्वीकृत होने के बाद कार्य भी शुरू हो गया। लेकिन इसी बीच रेल परियोजना के कार्य को बंद कर दिया गया।
इसे लेकर रेल विकास समिति करौली सहित आमजन ने खूब विरोध भी जताया। समिति की ओर से कार्य को फिर से शुरू कराने को लेकर अभियान भी चलाया गया। क्षेत्रीय सांसद सहित केन्द्र सरकार, रेल मंत्रालय तक को अवगत कराते हुए इलाके के लिए इस रेल परियोजना की महत्ता से अवगत कराया। प्रदेश में कांग्रेस सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया। इसके अलावा भी अन्य मौके पर गहलोत ने रेल परियोजना का मुद्दा उठाया था।