राजस्थान के इस जिले में प्यास बुझाने के लिए साहब के हस्ताक्षरों की जरूरत, एसडीएम साहब के आदेशों में फंसे पानी के टैंकर
करौलीPublished: Apr 29, 2019 06:34:35 pm
In this district of Rajasthan, the need for sahib’s signatures to quench the thirst, water tanker trapped under orders of SDM
राजस्थान के इस जिले में प्यास बुझाने के लिए साहब के हस्ताक्षरों की जरूरत, एसडीएम साहब के आदेशों में फंसे पानी के टैंकर
करौली.बूंद-बूंद पानी को तरसे ग्रामीणों के प्यासे कंठों को तर करने के लिए स्वीकृत टैंकर अब उपखण्ड़ अधिकारी के आदेशों में फंस गए हैं। आदेशों के अभाव में टैंकरों से पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है। इस कारण डांग क्षेत्र के ग्रामीण पेयजल के लिए भटक रहे हैं। सरकार ने मार्च माह में करौली जिले को 1 करोड़ १४ लाख रुपए का बजट गर्मी के मौसम में आपातकालीन व्यवस्थाओं के लिए मंजूर किया था। इस राशि से पेयजलग्रस्त गांव व शहरों में टैंकरों से पानी की सप्लाई होनी थी। लेकिन पहले टैंण्डर आमंत्रित करने में देरी हुई। टैंण्डर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति से टैंकरों की दरों का निर्धारण होना था। यानी गांव या कस्बों में एक टैंकर कितनी दर के हिसाब से चलेगा, इसकी दरों का निर्धारण होना था। सूत्रों ने बताया कि जिला प्रशासन व जनस्वास्थ्य एवं आभियांत्रिकी विभाग के अभियंता टैंकरों की दरों का निर्धारण समय पर नहीं कर सके। जिले भर से पेयजल संकट के मामले सामने आने पर दरों का निर्धारण पांच दिन पहले ही किया गया है। इसके बाद भी टैंकरों से पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी।
सहायक अभियंताओं ने सौैंपी रिपोर्ट, एसडीएम को निकालने हैं आदेश
जिला स्तर से दरों का अनुमोदन के बाद उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति जरूरत के हिसाब से गांवों में टैंकर चालू करने के आदेश जारी करती है। सूत्रों ने जानकारी दी कि सपोटरा के सहायक अभियंता ने जरूरत वाले गांव व जहां से टैंकरों के जरिए पानी की सप्लाई होगी उन स्रोत्रों की रिपोर्ट एसडीएम को सौंप दी है। इसके अलावा जिले के अन्य सहायक अभियंताओं ने टैंकरों की मांग जमा करा दी है। लेकिन उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक ही नहीं हो पा रही है, जिससे टैंकर चालू करने की कवायद शुरू नहीं हुई है।
120 गांव और 117 ढाणियों में पेयजल संकट
जनस्वास्थ्य एवं आभियांत्रिकी विभाग ने जिले के १२० गांव और ११७ ढाणियों को पेयजलग्रस्त माना है। जिनमें पानी के स्रोत्र नहीं होने से टैंकरों के जरिए पानी की सप्लाई की जानी है। टैंकरों पर १ करोड़ १४ लाख रुपए व्यय होंगे। गांवों के अलावा हिण्डौन सिटी व टोडाभीम शहरी क्षेत्र में पानी की आपूर्ति के लिए बजट जारी किया गया है। हिण्डौन सिटी नगरपरिषद के वार्डों में 17 लाख तथा टोडाभीम शहरी क्षेत्र में 5 लाख रुपए का बजट जारी किया है। इस राशि से शहरी क्षेत्र में पानी की आपूर्ति की जाएगी। संवेदनशील वार्डों के उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति चिन्ह्रित करेगी
डांग के गांवों में भीषण संकट
इस बार अप्रेल माह में तेजगर्मी से पानी का संकट करणपुर, मण्डरायल, कैलादेवी, मासलपुर, हिण्डौन सिटी क्षेत्र के गांवों में है। गांवों में जलस्तर नीचे जाने से हैण्डपम्प नकारा हो गए है, हैण्डपम्पों ने पानी की जगह हवा फेंकना शुरू कर दिया है। इस कारण महिलाएं पानी के लिए भटकने को मजबूर है। ग्रामीणों ने बताया कि कुओं ने भी दम तोडऩा शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को तीन से चार किलोमीटर दूर से पानी की आपूर्ति करनी पड़ रही है। बालिकाएं भी दिन भर पानी की मशक्कत में लगी रहती है, जिससे उनकी पढ़ाई तक बाधित रहती है।
कवायद चल रही है
जिला स्तर से दरों का निर्धारण कर दिया है, अब उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति जरूरत के गांवों में टैंकर भेजेगी। सपोटरा के सहायक अभियंता ने मांग भी एसडीएम को सौंप दी है।
जयनारायण चेतीवाल अधिशासी अभियंता जनस्वास्थ्य एवं आभियांत्रिकी विभाग करौली