उम्मीद है कि जल्द ही यह कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए एक ऐतिहासिक स्थल देखने को मिलेगा। यहां मण्डरायल मार्ग के समीप रियासतकाल के दौरान शिकारगंज महज का निर्माण कराया गया था। इतिहासकारों के अनुसार वास्तु एवं शिल्पकला से निर्मित इस महल के निर्माण में करीब एक दशक से अधिक का समय लगा था।
महल का निर्माण महाराजा हरबक्स पाल के समय शुरू हुआ और महाराजा प्रताप पाल के समय में पूरा होना बताया जाता है। महल में क्या है खास
यह महल भूमि तल से नीचे और भूमि तल के ऊपर कई मंजिलों में बना हुआ है। उस समय महल परिसर में कुआं, बगीचा बना हुआ था, जो वर्तमान में क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा महल में अन्दर बावड़ी बनी हुई, जिसमें फव्वारा लगा था।
यह महल भूमि तल से नीचे और भूमि तल के ऊपर कई मंजिलों में बना हुआ है। उस समय महल परिसर में कुआं, बगीचा बना हुआ था, जो वर्तमान में क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा महल में अन्दर बावड़ी बनी हुई, जिसमें फव्वारा लगा था।
महल में बने खम्भे भी उत्कृष्ट शिल्प कला की कहानी बयां करते हैं। बड़े-बड़े बरामदे हैं। महल में भूल-भुलैया बनी हुई है। शिकारगंज महल में पक्की सुरंग भी है, जो पुरानी राजमहल तक पहुंचती है। हालांकि देखरेख के अभाव में महल अनेक स्थानों से क्षतिग्रस्त हो गया। झरोखे आदि भी टूट गए। वहीं सुरंग भी कचरा-मिट्टी से बंद हुई पड़ी है।
ये होंगे कार्य
शिकारगंज महल का वैभव लौटाने के लिए पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग विभाग की ओर से करीब पौने तीन करोड़ रुपए खर्च कर विकास कार्य कराए जा रहै है। इसमें महल की मरम्मत के साथ भूमि की चारदीवारी का निर्माण शामिल है। पार्किंग स्थल भी बनाया जा रहा है। रैलिंग, छज्जे, कढ़े आदि नए लगाए जा रहे हैं। वहीं पत्थरों पर बैलबूटा, पट्टी लगाने के साथ प्लास्तर आदि कार्य किए जा रहे हैं।
शिकारगंज महल का वैभव लौटाने के लिए पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग विभाग की ओर से करीब पौने तीन करोड़ रुपए खर्च कर विकास कार्य कराए जा रहै है। इसमें महल की मरम्मत के साथ भूमि की चारदीवारी का निर्माण शामिल है। पार्किंग स्थल भी बनाया जा रहा है। रैलिंग, छज्जे, कढ़े आदि नए लगाए जा रहे हैं। वहीं पत्थरों पर बैलबूटा, पट्टी लगाने के साथ प्लास्तर आदि कार्य किए जा रहे हैं।
चारदीवारी के साथ फेसिंग भी लगेगी। इसके साथ ही महल के झरोखे, गुम्बदों को भी संवारा जा रहा है। वहीं गार्डन भी विकसित किया जाएगा। तेजी से चल रहा कार्य
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की ओर से करीब पौने तीन करोड़ से शिकारगंज महल का जीर्णोद्वार कार्य कराया जा रहा है। कार्य तेजी से चल रहा है। उम्मीद है निर्धारित कार्यावधि से पहले ही पूरा कार्य हो जाएगा।
रघुवीर शर्मा, ठेकेदार फर्म प्रतिनिधि
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की ओर से करीब पौने तीन करोड़ से शिकारगंज महल का जीर्णोद्वार कार्य कराया जा रहा है। कार्य तेजी से चल रहा है। उम्मीद है निर्धारित कार्यावधि से पहले ही पूरा कार्य हो जाएगा।
रघुवीर शर्मा, ठेकेदार फर्म प्रतिनिधि