स्टेशन अधीक्षक शिवचरण मीना व स्टेशन मास्टर रामकेश मीना ने बताया कि दोपहर करीब 12 बजे मुम्बई-अमेठी-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन को कोटा कंट्रोलर को सूचित कर रोका गया। गांव सनेट के सर्व समाज के लोगों ने 24 बोगी की ट्रेन में यात्रा कर रहे 2000 यात्रियों को 20 मिनट के ठहराव में भोजन के पैकेट व अन्य खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई। सनेट के भामाशाह व समाजसेवियों के दल ने प्लेटफार्म सोशल डिस्टेंसिंग से खड़े रह कर प्रत्येक बोगी की खिडक़ी और दरवाजे पर राहत सामग्री पहुंचाई।
इस दौरान रेलवे स्टेशन पर विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारी खेमा शंकर, दौलतराम, राकेश, संतोष, आरडी मीना, बुकिंग क्लर्क रामचरण दिनेश, आरपीएफ के अरुण सिंह, हवलदार रामचरणलाल, पटौदा ग्रीन क्लब के सदस्य एवं सनेट गांव के सर्व समाज के युवा मौजूद थे।
रेलवे अधिकारियों ने देखी भोजन व्यवस्था ग्रामीणों द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के यात्रियों के लिए की जा रही भोजन व्यवस्था का रविवार को रेलवे के मुख्य वाणिज्य निरीक्षक सीपी मीना, स्टेशन अधीक्षक शिवचरण मीणा आदि ने भोजन व्यवस्था का अवलोकन किया। साथ हर रेलवे अधिकारियों ने प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर रुकी ट्रेन पर पहुंचकर वितरण व्यवस्था को भी देखा। ट्रेन के रवाना होने पर सीएमआई ने ग्रामीणों द्वारा की जा रही भोजन व पेयजल व्यवस्था के कार्य की सराहना की।
छह दिन में 12हजार यात्रियों को बांटे भोजन पैकेट- पटौदा ग्रीन क्लब के तेजभान सिंह ने बताया कि 26 मई से हर रोज एक श्रमिक एक्सप्रेस को रुकवा कर ग्रामीणों द्वारा छह दिन से नियमित भोजन सामग्री बांटी जा रही है। अब तक छह ट्रेनों को रुकवा कर करीब 12 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों को भोजन एवं पेयजल की व्यवस्था की गई। रविवार को भोजन वितरण का अंतिम दिन था।