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यहां स्टाफ की कमी से अटका भवन का हस्तांतरण,३ करोड़ रुपए की लागत से बना है भवन

locationकरौलीPublished: Dec 16, 2018 09:00:18 pm

Submitted by:

vinod sharma

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School rooms run in college

यहां स्टाफ की कमी से अटका भवन का हस्तांतरण,३ करोड़ रुपए की लागत से बना है भवन


करौली. सपोटरा में नए भवन में कॉलेज संचालन का मामला स्टाफ की कमी के कारण अटका हुआ है। अब नई सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वो स्टाफ की नियुक्ति कराकर इस कॉलेज के विधिवत संचालन शुरू कराए।
सपोटरा के राजकीय महाविद्यालय के भवन का निर्माण निर्धारित अवधि गुजरने के दो साल बाद पूरा हो गया है। लेकिन अब भवन का हस्तांतरण स्टाफ के अभाव में अटका हुआहै। इससे नवनिर्मित भवन का उपयोग नहीं हो पा रहा है। गौरतलब है कि राजकीय महाविद्यालय में भवन निर्माण के लिए २०१२ में 3 करोड़ रुपए स्वीकृत किए। कार्य आदेश मिलने पर ठेकेदार ने काम शुरू कर दिया। लगभग ४० प्रतिशत काम पूरा होने के बाद अचानक काम बंद कर दिया गया। विभाग ने ठेकेदार को नोटिस देकर अनुबंध निरस्त कर दिया। इसके बाद नया ठेका हुआ। इस ठेके की अनुबंध शर्तो के अनुसार यह निर्माण २०१६ तक पूरा होना था।
इस बार भी काम में ढिलाई रही। देरी का यह मामला राज्य सरकार के स्तर पर पहुंचा। फिर दुबारा से काम शुरू हुआ। अब निर्धारित अवधि के दो साल बाद भवन निर्माण पूरा हो गया है। सूत्रों ने बताया कि गत दिनों सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंताओं ने भवन की सुपुदर्गी के लिएराजकीय महाविद्यालय प्रबंधन को पत्र भी लिखा। अभी तक महाविद्यालय प्रबंधन ने भवन को अपने कब्जे में नहीं लिया है। महाविद्यालय प्रबंधन ने कॉलेज शिक्षा निदेशालय को स्थिति से अवगत कराया है तथा कहा कि स्टाफ की नियुक्ति होने पर ही नए भवन में कॉलेज को हस्तान्तरण किया जाना संभव हो सकेगा।
स्कूल के कमरों में चलता है महाविद्यालय
राजकीय महाविद्यालय पांच साल से सपोटरा के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल के चार कमरों में संचालित है। एक कक्ष में प्राचार्य, दूसरे में प्रशासनिक व्यवस्थाएं तथा अन्य दो में कक्षाएं लगती है। इससे महाविद्यालय की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसमें बिजली-पानी जैसी सुविधाएं महाविद्यालय स्तर की नहीं है। मात्र दो कमरे होने से विद्यार्थी कभी-कभार ही पढऩे आते हैं। महाविद्यालय में 46 8 छात्राओं का नामांकन है।
स्टाफ का टोटा
महाविद्यालय में प्राचार्य सहित आठ सहायक आचार्यों के पद स्वीकृत हैं। इसमें से प्राचार्य सहित पांच सहायक आचार्यों के पद रिक्त पड़े हैं। इस वजह से पढ़ाई नहीं हो पाती है। सहायक आचार्यों के अभाव में कक्षाओं पर ताले ताले लटके रहते हैं। विद्यार्थियों ने बताया कि कॉलेज शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों से अनेकों बार रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग की गई। लेकिन पढ़ाने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रही है। फिर कॉलेज जाने की फायदा ही क्या।
स्टॉफ की नियुक्ति हो
नई सरकार से उम्मीद है कि महाविद्यालय में स्टॉफ की नियुक्ति तत्काल रूप से कराई जाए. जिससे कक्षाएं चालू हो सके। अभी स्टॉफ के अभाव में पढ़ाई नहीं हो पाती है।
कविता मीना महासचिव राजकीय महाविद्यालय सपोटरा
विद्यार्थियों को मिलेगा फायदा
अभी अधिकतर सहायक आचार्यों के पद रिक्त है, जिससे पढ़ाई नहीं हो पाती है। कक्षा-कक्षों पर ताला ही लटका रहती है। अब सहायक आचार्यों की नियुक्ति हो जाए तो विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।
छात्रा रामकली मीना कला संकाय द्वितीय वर्ष
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