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करौली में शिक्षा की अलख जगाने वाली शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान ट्रान्सफर होगी, जिला प्रशासन ने कवायद शुरू की

locationकरौलीPublished: Apr 08, 2019 10:09:33 pm

Submitted by:

vinod sharma

The education-training institute, which is awaiting education in Karauli, will be transferred, the district administration started drill

The education-training institute, which is awaiting education in Karau

करौली में शिक्षा की अलख जगाने वाली शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान ट्रान्सफर होगी, जिला प्रशासन ने कवायद शुरू की


करौली. रियासतकाल में शिक्षा की अलख जगाने वाले पुराने कलेक्ट्रेट भवन में संचालित डाइट को अब राजीव गांधी खेल संकुल के पास स्थानान्तरित करने तथा यहां अन्य कार्यालयों को लाने की जिला प्रशासन की प्लानिंग चल रही है। इस पर काफी तेजी से काम चल रहा है। इस परिवर्तन के लिए जिला कलक्टर की मौजूदगी में अधिकारियों की बैठक हो चुकी है। हालांकि शिक्षा विभाग ने इसको खाली करने के बारे में लिखित में सहमति नहीं दी है।
सूत्रों ने बताया कि करौली जिला मुख्यालय पर अनेक कोर्ट, कार्यालयों के लिए स्थान का अभाव है। इस कमी को पूरा करने के लिए डाइट से इस भवन को खाली कराया जा रहा है। विभिन्न कोर्ट और कार्यालयों के लिए डाइट परिसर को खाली कराकर इसके आवंटन की कार्रवाईके लिए
जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिय़ा ने अतिरिक्त जिला कलक्टर सुरेश कुमार को जिम्मेदारी दी है। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों से बातचीत की तथा इस मामले में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गत दिनों शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक भी हुई है। इस बैठक में डाइट समेत शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों को राजीव गांधी खेल संकुल के पास आवंटित जमीन पर ले जाने पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है।
पता चला है कि बैठक में जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी गणपतलाल मीना ने जिला कलक्टर को इस प्लान को अव्यवहारिक बताया तथा कहा यह भी आपत्ति की कि इससे अनावश्यक परेशानी के साथ विभाग पर खर्चे को बोझ आएगा। उन्होंने यह परेशानी भी बताईकि शिक्षा संकुल के नाम पर कोई बजट नहीं है और वहां पर भवन भी बना हुआ नहीं है। ऐसे में इस बदलाव के बाद शिक्षा कार्यालय और डाइट का संचालन कैसे हो पाएगा। लेकिन प्रशासनिक अफसरों ने शिक्षा अधिकारी की समस्या को अनसुना कर दिया।
छात्राओं को दूर जाना पड़ेगा
शिक्षा अधिकारियों ने जिला कलक्टर के सामने यह भी तर्क रखा कि एसटीसी में छात्राएं भी शिक्षक का प्रशिक्षण प्राप्त करती है। इस संस्थान को दूर स्थान पर भेजने से छात्राओं को आवागमन में मुश्किल आएगी। वहां आने-जाने के लिए कोई साधन नहीं चलते। फिर वहां पर भवन भी नहीं है। उन्होंने बताया कि विभाग में नए भवन की किसी भी स्तर पर प्लानिंग
नहीं है।
अनेक उपयोग में आता रहा है यह भवन
जानकारी के अनुसार रियासतकाल के समय करौली में रेल प्रोजेक्ट की मंशा से इस भवन का निर्माण वर्ष १९०७ में किया गया था। लेकिन कुछ समय बाद रेल लाइन को करौली में होकर आना रद्द हुआ। इसके बाद १९१५ में इस भवन में महाराजा स्कूल संचालित होने लगा। करौली शहर सहित जिले के अनेक लोगों ने यहां पर शिक्षा प्राप्त की। वर्ष १९८९-९० में एसटीसी को क्रमोन्नत किए जाने पर कॉलेज के पास से एसटीसी को यहां पर लाया गया। छात्र-छात्राओं को इस भवन में शिक्षक प्रशिक्षण दिया जाने लगा। वर्ष १९९७ में करौली के जिला बनने पर अस्थायी तौर पर यहां कलेक्ट्रेट का शुरूआती तौर पर संचालन किया गया। इसी परिसर में सांसद सेवा केन्द्र भी संचालित है।
शिक्षा विभाग को जमीन आवंटित की हुई है
शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों को एक स्थान पर संचालित करने के लिए शिक्षा संकुल को जमीन का आवंटन किया हुआ है। डाइट परिसर को किसे दिया जाएगा। इस बारे में अभी तय नहीं किया गया है।
नन्नूमल पहाडिय़ा जिला कलक्टर करौली
हमारी सहमति नहीं है
डाइट परिसर को ट्रान्सफर करने के लिए जिला कलक्टर की अध्यक्षता में बैठक हो चुकी है। इसमें शिक्षा विभाग ने लिखित में किसी भी प्रकार की सहमति नहीं दी है। डाइट को खाली नहीं कराना चाहिए।
गणपतलाल मीना मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी करौली
केएल, सीबी। करौली का डाइट परिसर।

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