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राजस्थान का यह अस्पताल आग के ढेर पर,फायर कन्ट्रोल सिस्टम बना सिर्फ दिखावा

locationकरौलीPublished: May 10, 2019 06:57:11 pm

Submitted by:

vinod sharma

This hospital in Rajasthan, on fire pile, made the fire control system just pretend

This hospital in Rajasthan, on fire pile, made the fire control system

राजस्थान का यह अस्पताल आग के ढेर पर,फायर कन्ट्रोल सिस्टम बना सिर्फ दिखावा


करौली. सवाईमानसिंह अस्पताल जयपुर के लाइफ लाइन स्टोर में शार्ट सर्किट से आग लगने के बाद जागे अधिकारियों ने करौली के राजकीय सामान्य अस्पताल के फायर कन्ट्रोल सिस्टम को शुक्रवार को कार्यकारी एजेन्सी से अस्पताल प्रबंधन को सुपुर्द कर दिया, लेकिन प्रशिक्षित कर्मचारियों के अभाव में सिस्टम शुरू नहीं हुआ है। इस कारण अस्पताल आग के ढेर पर ही है। राजकीय अस्पताल में महीनों पहले २० लाख रुपए की लागत से फायर कन्ट्रोल सिस्टम स्थापित किया गया। आउटडोर के सामने से ही सभी वार्डों के लिए लाइन निकाली गई तथा छत पर पानी का टैंक बनाया गया। इससे आग लगने पर फायर कन्ट्रोल सिस्टम से उस पर नियंत्रण पाया जा सके। लेकिन इस सिस्टम को कार्यकारी एजेन्सी ने अस्पताल प्रबंधन के सुपुर्द नहीं किया। जिससे इसका उपयोग नहीं किया जा रहा था। शुक्रवार को तुरत-फुरत में सिस्टम को अस्पताल प्रबंधन को सौंपा गया है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने अभी इसका उपयोग शुरू नहीं किया है।
प्रशिक्षित कर्मचारियों का अभाव
राजकीय सामान्य अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी बाबूलाल मीना ने बताया कि फायर कन्ट्रोल सिस्टम को शुक्रवार को सुपुर्द किया है। उन्होंने बताया कि सिस्टम को चलाने के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों का अभाव है साथ ही बजट भी नहीं है। उन्होंने बताया कि सिस्टम लगने के समय से ही उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पत्र भेज फायर कन्ट्रोल सिस्टम को चलाने के लिएप्रशिक्षित कर्मचारियों के पद आवंटन तथा संविदा पर रखने के लिए बजट दिए जाने की मांग की। लेकिन अभी तक कर्मचारी नहीं दिए गए हैं। इस कारण फिर से विभाग को पत्र लिख कर्मचारियों के पद आवंटन की मांग की है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षित कर्मचारी व बजट मिलने के बाद ही सिस्टम का उपयोग किया जा सकेगा।
तीन हजार मरीजों की आवक-जावक रहती है
करौली के राकीय अस्पताल में जिले भर से मरीज आते है, आउटडोर लगभग रोजाना दो हजार मरीजों का होता है। इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में मरीज वार्डों में भर्ती रहते है। वार्डों में शार्ट सर्किटया अन्य कारणों से आग लगने की आशंका रहती है। भर्ती मरीजों के परिजन बीड़ी-सिगरेट भी पीते है, जिससे भी हादसे की आशंका रहती है।इसके बाद भी फायर कन्ट्रोल सिस्टम को चालू नहीं किया गया है।

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