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राजस्थान के करौली में खाद की किल्लत दुकानों पर लगी किसानों की लाइन,किसानों ने लगाया कालाबाजारी का आरोप

locationकरौलीPublished: Nov 21, 2018 11:35:16 am

Submitted by:

vinod sharma

rajasthan patrika hindi news.com

With the power crisis in the Rabi crop season, due to the shortage of fertilizers, the farmers' line was found on the shops of Karauli and Sapotra tehsil.

राजस्थान के करौली में खाद की किल्लत दुकानों पर लगी किसानों की लाइन,किसानों ने लगाया कालाबाजारी का आरोप


करौली. रबी की फसल के सीजन में बिजली संकट के साथ खाद की किल्लत होने से करौली व सपोटरा तहसील की दुकनों पर किसानों की लाइन लग गई। किसानों ने खाद की कालाबाजारी का आरोप भी लगाया है। बुधवार को सपोटरा तहसील की दुकानों पर खाद आने की सूचना पर किसान दुकानों पर पहुंच,, चौड़ागांव, नारौली डाग, सपोटरा आदि की दुकानो पर लम्बी लाइन लग। इस दौरान किसान खाद के लि मशक्कत करते रहे। भीड अधिक बढऩे पर दुकानदारों ने पुलिस को सूचना दी। इस पर पंचायत के सरपंच ने मौके पर पहुंच किसानों को समझाया। गौरतलब है कि करौली जिले में इस बार अच्छी बारिश होने से रिकॉर्ड १ लाख ७५ हजार हैक्टेयर में फसल के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया। लेकिन अभी तक लगभग एक लाख हैक्टेयर में बुआई की गई है। जिले के समूचे क्षेत्रफल में बुआई के लिए अभी ८ हजार मीट्रिक टन खाद की जरूरत है। इसके विपरित मात्र एक हजार मीट्रिक टन यूरिया ही कृषि विभाग के पास उपलब्ध है। इससे खाद की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। खाद की कमी की वजह से तहसील के हिसाब से कृषि विभाग उसका वितरण तक नहीं करा पा रहा है। किसान संघ के भरतपुर संभाग के उपाध्यक्ष गंगाराम निशाना ने बताया कि किसानों को जल्द ही खाद की व्यवस्था नहीं की गई तो गेंहू की बुआई पूरी तरह से पिछड़ जाएगी। क्योंकि गेहूं की बुआई से पहले खेत में खाद डाला जाता है। इसके बाद क्षेत्र के किसान बुआई करते हैं। उन्होंने बताया कि फसल का उत्पादन प्रभावित होगा।
जल्द होगा व्यवस्था में सुधार
आठ हजार मीट्रिक टन की तुलना में अभी एक हजार मीट्रिक टन खाद है। खाद की आपूर्ति होना शुरू हो गई हैष जल्द ही व्यवस्था में सुधार होगा।
बीड़ी शर्मा उपनिदेशक कृषि विस्तार करौली
किसान चक्कर लगाने को मजबूर
जिले में खाद के अधिकतर होलसेल विक्रेता हिण्डौन सिटी में है। जिससे हिण्डौन सिटी तहसील की दुकानों पर खाद मिल रहा है। करौली, सपोटरा,मण्डरायल, टोडाभीम, नादौती क्षेत्र के सैकड़ों गांवों के किसानों को खाद नहीं मिल रहा है। किसान रोजाना खाद के लिए दुकानों पर चक्कर लगाने को मजबूर है। लेकिन विक्रेता खाद उपलब्ध नहीं होने की कहकर टाल देते हैं। किसान संघ के जिलाध्यक्ष मोहरसिंह मीना ने बताया कि खाद की किल्लत की वजह से किसानों का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दुकानों के पास खाद का स्टॉक है, पर वे किसानों को महंगे दामों पर खाद बेच रहे हैं। किसानों से 100 से १५० रुपए अधिक वसूल किए जा रहे हैं। इस बारे में विभाग के जिला स्तर के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। इसके बाद भी किसानों की सुनवाई नहीं हो रही है।
बुवाई प्रभावित, बिजली का इंतजार
खाद की किल्लत के अलावा जिले में बिजली का संकट भी है। कैलादेवी, करणपुर आदि क्षेत्र में रबी की फसल की बुवाई के लिए बिजली नहीं मिल रही है। क्योंकि क्षेत्र के गांवों की अधिकतर जमीन सूखी है। बिजली आपूर्ति बाधित होने से किसान पलेवा नहीं कर पाए है। बिजली की कमी से क्षेत्र के गांवों में सरसों व गेहूं की बुवाई पिछड़ रही है। कैलादेवी, करणपुर, लोहर्रा, पीतूपुरा, अतेवा, राजौर, करसाई, मामचारी आदि गांवों में बुवाई पिछड़ी है।
जल्द होगा व्यवस्था में सुधार
आठ हजार मीट्रिक टन की तुलना में अभी एक हजार मीट्रिक टन खाद है। खाद की आपूर्ति होना शुरू हो गई हैष जल्द ही व्यवस्था में सुधार होगा।
बीड़ी शर्मा उपनिदेशक कृषि विस्तार करौली

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