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कासगंज से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर सोरों में गंगा जी बहती हैं, इसके चलते यहां बाहर से आने वाले लोगों की इस शहर में भीड़ भी अधिक रहती है। दूर दराज से आने वाले लोग इस शहर में रुकते भी हैं, लेकिन 26 जनवरी को कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा ने सबकुछ बदलकर रख दिया। चार दिन का सन्नाटा लोगों को बैचेन करता दिखाई दिया। सड़कों पर कुछ लोग और पुलिस के जवान नजर आ रहे थे। बिलराम गेट खाली पड़ा हुआ था। एक साइड से पुलिस के जवानों की टुकड़ी अपना ढेरा जमाए बैठी थी। नदरई गेट भी पूरी तरह खाली नजर आ रहा था।
कासगंज से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर सोरों में गंगा जी बहती हैं, इसके चलते यहां बाहर से आने वाले लोगों की इस शहर में भीड़ भी अधिक रहती है। दूर दराज से आने वाले लोग इस शहर में रुकते भी हैं, लेकिन 26 जनवरी को कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा ने सबकुछ बदलकर रख दिया। चार दिन का सन्नाटा लोगों को बैचेन करता दिखाई दिया। सड़कों पर कुछ लोग और पुलिस के जवान नजर आ रहे थे। बिलराम गेट खाली पड़ा हुआ था। एक साइड से पुलिस के जवानों की टुकड़ी अपना ढेरा जमाए बैठी थी। नदरई गेट भी पूरी तरह खाली नजर आ रहा था।
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पुलिस अधिकारी दावा कर रहे हैं, कि कासगंज में सबकुछ सामान्य है। लेकिन हालात देखें जाएं, तो स्थिति वास्तव में पुलिस के नियंत्रण में हैं, लेकिन सामान्य कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। घटना के पाचवें दिन पत्रिका टीम कासगंज में रही। यहां लोगों से बातचीत की। नदरई गेट के पास का हाल देखा। बताया गया कि ये चौराहा इतना शांत कभी भी दिखाई नहीं दिया। यहां हर समय जाम की स्थिति नजर आती थी। सड़क के साइट से खड़े रिक्शा चालक और आॅटो वालों की भीड़ के अलावा फेरी वालों का हुजूम यहां रहता था। शाम होते ही बड़ी संख्या में इस चौराहे के आस पास लोग नजर आते थे। पास में ही सब्जी मंडी है, जिसके चलते बड़ी संख्या में लोग यहां सब्जियां खरीदने भी आते थे, लेकिन कासगंज में हुई हिंसा के बाद अभी भी लोगों के मन में एक भय का माहौल बना हुआ है।
पुलिस अधिकारी दावा कर रहे हैं, कि कासगंज में सबकुछ सामान्य है। लेकिन हालात देखें जाएं, तो स्थिति वास्तव में पुलिस के नियंत्रण में हैं, लेकिन सामान्य कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। घटना के पाचवें दिन पत्रिका टीम कासगंज में रही। यहां लोगों से बातचीत की। नदरई गेट के पास का हाल देखा। बताया गया कि ये चौराहा इतना शांत कभी भी दिखाई नहीं दिया। यहां हर समय जाम की स्थिति नजर आती थी। सड़क के साइट से खड़े रिक्शा चालक और आॅटो वालों की भीड़ के अलावा फेरी वालों का हुजूम यहां रहता था। शाम होते ही बड़ी संख्या में इस चौराहे के आस पास लोग नजर आते थे। पास में ही सब्जी मंडी है, जिसके चलते बड़ी संख्या में लोग यहां सब्जियां खरीदने भी आते थे, लेकिन कासगंज में हुई हिंसा के बाद अभी भी लोगों के मन में एक भय का माहौल बना हुआ है।