
ट्रफिक जाम
कासगंज। बाइक पर अधिकतम दो लोग बैठ सकते हैं। इसके विपरीत जिले में तो पांच-पांच लोग बाइक पर यात्रा कर रहे हैं। इस तरह बाइक को कार बना लिया गया है। इस ओर न तो परिवहन विभाग का ध्यान है और न ही यातायात पुलिस का। जिले की सड़कों पर यातायात के नियमों को धड़ल्ले से तोड़ा जा रहा है। इसमें आम व्यक्ति से लेकर खास व प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं। जिन पर कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी है, वो खुद इसका सरेआम मजाक उड़ा रहे हैं।
यातायात माह भी निकल गया
यातायात माह नवम्बर परिवहन विभाग और यातायात पुलिस के लिए जागरूकता के लिए होता है, लेकिन यहां यातायात पुलिसकर्मी मात्र दिखावा तक साबित है। यातायात नियमों को दरकिनार करने वालों पर कार्रवाई नहीं की जाती है, जबकि समय-समय पर अधिकारियों द्वारा गोष्ठियों के आयोजन का ढिंढोरा खूब पीटा जाता है।पुलिस वाले वाहनों पर पुलिस लिखकर चल रहे हैं। आए दिन पुलिस वाले खुद बाइक पर ट्रिपल राइडिंग करते नजर आ जाएंगे। यातायात माह निकल गया, लेकिन यातायात सुधार के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ। हां, दोपहिया वाहनों का चालान किया जाता रहा।
वाहन जांच के नाम पर होती है वसूली
परिवहन नियमों के अनुसार पुलिस या होमगार्ड के जवानों को वाहनों के कागजात की जांच करने का अधिकारी नहीं है। इसके बाद भी शहर के अधिकतर चौक चौराहों पर वाहनों मालिको से जांच के नाम पर वसूली की जाती है।जिम्मेदार कहते हैं, कि जब पुलिस के सक्षम अधिकारी मौजूद हों, तब ही जवान वाहन मालिकों को रोक कर समक्ष अधिकारी को कागज दिखाने की कह सकते हैं।
युवतियों के वाहनों की नहीं होती कभी जांच
युवतियों के वाहनों की जांच नहीं होती है। स्कूटी पर ट्रिपिल राइडिंग, बिना हेलमेट, बिना ड्राइविंग लाइसेंस के अधिकतर युवतियां शहर में स्कूटी दौड़ा रही हैं। जांच के दौरान पुलिसकर्मी न तो इनके कागजात चेक करते हैं और न ही इनका ड्राइविंग लाइसेंस।
तेज हॉर्न से बढ़ रही लोगों को दिक्कत
हॉर्न सबंधी कानून भी सरेआम तोड़े जा रहे हैं। दोपहिया से लेकर चार पहिया वाहनों में 90 डिसीमल से अधिक ध्वनि वाले हॉर्न का उपयोग वर्जित है, मगर अधिकतर वाहनों में क्षमता से दोगुनी,-तिगुनी आवाज वाले हॉर्न इस्तेमाल हो रहे है। अधिकारी जान बूझकर चुप्पी साधे हैं।
धड़ल्ले से नाबालिग दौड़ा रहे वाहन
सड़कों पर वाहनों की बढ़ती संख्या व उससे कहीं अधिक संख्या में बढ़ रहे नाबालिग ड्राइवरों से यातायात सुरक्षा पर प्रश्न चिह्न आए दिन लग रहे हैं। कासगंज शहर में ही नहीं, तहसील मुख्यालयों के क्षेत्रों से गुजर रही सड़कों पर नाबालिग छोटे बवाहन ही नहीं, बड़े वाहन भी दौड़ाते हैं।

Published on:
30 Nov 2017 09:10 am
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