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आशुतोष राणा समेत देश के दिग्गज कवियों की मौजूदगी में ‘अहसास’ का विमोचन

युवा कवयित्री नीलिमा पाठक सामंतरे की प्रथम काव्य कृति अहसास का विमोचन, देश के नामचीन कवियों ने भी बांधा समां...।

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कटनी

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Manish Geete

Mar 07, 2022

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कटनी। कटनी के साहित्य और काव्य जगत सोमवार को यादगार बन गई। अवसर था सायना हिल्स में पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रद्धेय सत्येन्द्र पाठक एवं पूर्व महापौर श्रीमती निर्मला पाठक की सुपुत्री नीलिमा पाठक सामंतरे के प्रथम काव्य संग्रह अहसास के विमोचन का।

देश के शीर्षस्थ कवियों एवं प्रतिष्ठित साहित्यकारों की मौजदूगी ने इस कार्यक्रम को इतिहास में दर्ज करा दिया। कवि सम्मेलन में राष्ट्रीय स्तर के दिग्गज कवियों ने अपनी शानदार रचनाओं, कविताओं और हास्य-व्यंग्य के माध्यम उपस्थित श्रोताओं का मनोरंजन किया। 3 घंटे तक चले कवि सम्मेलन में नामचीन कवियों को सुनने के लिए रात 1 बजे तक सुधी श्रोताओं की कार्यक्रम में मौजूदगी बनी रही। आलम यह रहा कि हल्की ठंड के बावजूद लोग अपनी कुर्सियों पर जमे रहे और कवियों का जमकर उत्साहवर्धन किया।

अखिल भारतीय कवि सम्मेलन की अध्यक्षता पाठक परिवार के पारिवारिक सदस्य फिल्म अभिनेता एवं साहित्यकार आशुतोष राणा ने की एवं मंच संचालन फरीदाबाद से आए हास्य कवि सरदार मंजीत सिंह ने कुशलतापूर्वक किया।

पुस्तक विमोचन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति डॉ कपिल देव मिश्रा की मौजूदगी रही। इसके पहले मंचासीन अतिथियों ने मां वीणावादिनी सरस्वती जी के तैलचित्र पर माल्र्यापण करते हुए दीप प्रज्वलित किया।

इसके उपरांत अतिथियों ने पूर्व कैबिनेट मंत्री पंडित सत्येंद्र पाठक जी के तैलचित्र पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें नमन किया। अहसास पुस्तक के प्रकाशक कौटिल्य प्रकाशन के राजू अरोरा भी इस दौरान कार्यक्रम में बतौर अतिथि पहुंचे। पुस्तक विमोचन समारोह के प्रारंभ में पूर्व मंत्री एवं विधायक संजय सत्येन्द्र पाठक ने सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।


अब साहित्य परिवार में शामिल हो गई नीलिमा : आशुतोष राणा

पाठक परिवार के पारिवारिक सदस्य फिल्म अभिनेता एवं साहित्यकार आशुतोष राणा ने पूज्य दद्दा जी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री पंडित सत्येन्द्र पाठक को याद करते हुए कहा कि आज मुझे इस बात की बड़ी खुशी हो रही है कि उनकी छोटी बहन नीलिमा के प्रथम काव्य संग्रह का विमोचन हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब साहित्य परिवार में शामिल हो गई हैं नीलिमा।

यह ईश्वरीय संयोग : संजय पाठक

पूर्व मंत्री एवं विधायक संजय पाठक ने कहा कि यह ईश्वरीय संयोग ही है कि नीलिमा के काव्य संग्रह का विमोचन देश के प्रतिष्ठित और नामचीन कवियों एवं रचनाकारों की मौजूदगी में हो रहा है। उन्होंने पूज्य दद्दा जी को नमन करते हुए कहा कि सब कुछ पूर्व नियोजित रहता है। पूज्य दद्दा जी द्वारा किए गए प्रत्येक शिवलिंग निर्माण महायज्ञ में उपस्थिति के दौरान हमने इस बात को बहुत ही करीब से महसूस किया है कि जो लिखा हुआ है, वो होकर ही रहेगा। खुशी है कि छोटी बहन की पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर के कवियों का भी आशीर्वाद मिल रहा है।

प्रतिभा कभी उम्र की बंधक नहीं होती : कुलपति

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति डॉ कपिल देव मिश्रा ने कहा कि प्रतिभा कभी भी उम्र की बंधक नहीं होती। छोटी बहन नीलिमा ने पुस्तक अहसास में जिस तरीके से अपनी दिल की बात कही है, वो काबिले तारीफ है। मैने पूरे परिवार के साथ अहसास की एक-एक कविता को पढ़ा। कुछ रचनाएं तो दिल को अंदर तक छू गईं। उन्होंने पाठक परिवार की सराहना करते हुए कहा कि यह सब वंशानुगत है। सत्येन्द्र पाठक एवं श्रीमती निर्मला पाठक द्वारा दिए गए संस्कारों की बदौलत आज छोटे भाई संजय पाठक विधायक के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं तो उनकी छोटी बहन नीलिमा पाठक का प्रथम काव्य संग्रह आज विमोचित हो रहा है। उन्होंने इस दौरान फिल्म अभिनेता एवं साहित्यकार आशुतोष राणा की पुस्तक रामराज्य का जिक्र करते हुए कहा कि इस पुस्तक में लिखी बातों से लोगों को प्रेरणा लेना चाहिए।

वैसे तो डॉ विष्णु सक्सेना अंतिम कवि के रूप में काव्यपाठ करने आए, लेकिन उन्हें सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। डॉ विष्णु सक्सेना ने अपनी पहली रचना दिल ए बीमार सही हो वो दवाएं दे दे, में सबपे प्यार लुटाऊं, वो दुआएं दे दे, ऐ मेरे रब में सांस-सांस में महक जाऊं, मेरी आवाज की खूशबू को हवाएं दे दे, प्यास बुझ जाए तो शबनम खरीद सकता हूं, जख्म मिल जाए तो मरहम खरीद सकता हूं, ये मानता कि में दौलत नहीं कमा पाया, मगर तुम्हारा एक-एक गम खरीद सकता हूं के माध्यम से श्रोताओं की जमकर वाहवाही लूटी।

लखनऊ से आई कवयित्री सुनैना त्रिपाठी ने अपनी रचना राजा हो, रंक सभी की दिल की यही कहानी है, प्यार नहीं देखा करता, दासी हो या रानी, सावन भी जलने लगता, जब जगी घर की जवाला, बिना पिए ही चढ़ जाती, प्रीत कलश की ढाला कविता प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद बनज कुमार बनज मुंबई ने एक से बढ़कर एक शायरी पेश की।

आलोक श्रीवास्तव दिल्ली ने शानदार तरीके से काव्यपाठ करते हुए एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत की। उनके द्वारा अम्मा जी और बाबू जी की रचना को श्रोताओं की काफी सराहना मिली। आलोक श्रीवास्तव ने कहा है ये सोचना गलत है, तुम पर नजर नहीं, मसरूफ हम बहुत हैं लेकिन खबर नहीं।

दिल्ली से आई कवयित्री डॉ सरिता शर्मा ने अपने गीतों के माध्यम से श्रोताओं को बांधे रखा। उन्होंने अपनी कविताओं सच्चाई की डगर पर पांव में छाले मिले हमको, नि:स्वार्थ, समर्पण को कमजोरी मत समझो, सारी दुनिया से दूर हो जाऊं, तेरी आंखों से दूर हो जाऊं, के माध्यम से माहौल को धर्ममय बना दिया।

कुछ मुर्गीचोरों को जेल हो गई : मनजीत सिंह

कवि सम्मेलन का शानदार तरीके से संचालन कर रहे फरीदाबाद से आए कवि सरदार मंजीत सिंह ने अपनी कविताओं ऑनर किलिंग से प्रेम कथा फेल हो गई, हत्यारों की अगले दिन बेल हो गई, अरे वो माल लूटकर उड़ गए देश का, कुछ मुर्गीचोरों को जेल हो गई के माध्यम से वर्तमान राजनीतिक तंत्र पर करारा प्रहार किया। सरदार मनजीत सिंह ने चुटकुलों के माध्यम से श्रोताओं का जमकर मनोरंजन किया। आशुतोष राणा ने भी शिव ताडंव स्त्रोत पर केन्द्रित कविता पाठक कर कार्यक्रम को ऊंचाईयां प्रदान की। समारोह में विधायक संजय पाठक ने सभी अतिथियों का शॉल, स्मृतिचिन्ह, श्रीफल एवं अभिनंदन पत्र से सम्मान किया।