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फिल्म ‘लापता लेडीज’ से प्रेरित थी अर्चना तिवारी, साजिश में तीसरा चेहरा भी ‘सबसे बड़ा राजदार’

Archana Tiwari Big Revealed: शादी के प्रस्ताव से नाराज अर्चना तिवारी ने जानबूझकर जंगलों में फिंकवाया फोन, उसके साथ साजिश में शामिल लोगों में सामने आया तीसरा चेहरा, माना जा रहा अर्चना का सबसे बड़ा राजदार, जानें कौन हैं, कैसे दिया मिसिंग मिस्ट्री की कहानी में अर्चना का साथ...

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कटनी

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Sanjana Kumar

Aug 21, 2025

Archana Tiwari Missing Mystery Case Update

Archana Tiwari Missing Mystery Case Update(photo: patrika)

Archana Tiwari Case Update: अर्चना मिसिंग मिस्ट्री में पुलिस ने बताया कि उसने सोच-समझकर लापता होने की फुल प्रूफ योजना बनाई थी। अर्चना (Archana Tiwari Missing Case Update) ने ऐसी प्नलानिंग की थी कि पुलिस को कुछ पता न चले इसलिए जानबूझकर अपना फोन उसने जंगल में फिंकवाया था। पूरी मिसिंग की पटकथा फिल्मी स्टाइल में रखी गई थी। अर्चना अभी शादी नहीं करना चाहती थी। इसलिए नाराजगी में उसने यह कदम उठाया। ऐसे में लगता है वह किरण राव की फिल्म लापता लेडीज से प्रेरित थी।

जानबूझकर फोन जगंलों में फिकवाया

अर्चना तिवारी (Archana Tiwari)ने सोच समझ कर अपने अपहरण की प्लानिंग रची थी और उसकी प्लानिंग ऐसी थी कि पुलिस को कुछ पता न चल सके। एसपी रेलवे की मानें तो उसने जानबूझकर फोन जगंलों में फिंकवाया और ट्रेन में अपना सामान छोड़ा ताकि, पुलिस को गुमराह किया जा सके।

भाई ने दर्ज करवाया था लापता का केस

7 अगस्त को अर्चना ट्रेन 18233 से इंदौर से कटनी जाने निकली थी। कोच बी-3 की बर्थ 3 पर थी। घर न पहुंचने पर भाई अंकुश ने 8 को कटनी जीआरपी में गुमशुदगी दर्ज कराई। मामला रानी कमलापति जीआरपी थाने में ट्रांसफर हुआ।

नेपाल से लाया गया वापस

जानकारी के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक लोकेशन के आधार पर जीआरपी नेपाल बॉर्डर तक पहुंची। धनगढ़ी (नेपाल) से अर्चना को सुरक्षित लाई। पूछताछ में अर्चना ने साफ कहा कि उनके साथ किसी ने कोई गलत हरकत नहीं की। सारांश और तेजेंदर ने सिर्फ मदद की थी।

साजिश में ये शामिल मुख्य साजिशकर्ता

पहला किरदार: अर्चना तिवारी स्वयं। 13 दिन तक 4 राज्यों और नेपाल में छिपी रही

दूसरा किरदार: सारांश कई दिन साथ रहा।

सबसे बड़ा राजदार और तीसरा किरदार: तेजेंदर सिंह, अर्चना का पुराना क्लाइंट। नर्मदापुरम से इटारसी छोड़ा

इनकी भूमिका संदिग्ध

राम तोमर: ग्वालियर पुलिस का आरक्षक। इंदौर से टिकट बुक कराया।

वायसी देवकोटा: काठमांडू निवासी, होटल रूम और नई सिम दिलाई।

परिवार में मां, बहन व भाई

अर्चना के पिता शरद नारायण तिवारी का 2019 में निधन हो चुका है। उसका एक छोटा भाई और एक बड़ी बहन हैं। भाई इंदौर में जॉब करता है। बहन की शादी हो चुकी है। परिजन बताते हैं कि वह बचपन से ही पढऩे में होशियार थी। अर्चना की पढ़ाई कटनी में ही हुई। वह छात्र राजनीति में भी सक्रिय थी। वकालत की पढ़ाई के बाद इंदौर आ गई और सिविल जज की परीक्षा के तैयारी के साथ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर रही थी। जब भी उससे शादी की बात की जाती थी वह मना कर देती थी।

ऐसे चला सर्च ऑपरेशन

एसआरपी राहुल कुमार लोढ़ा के निर्देश पर टीम बनाई गई। रिजर्वेशन चार्ट खंगाला। यात्रियों से पूछताछ की। इंदौर से जबलपुर तक के स्टेशनों के लगभग दो हजार सीसीटीवी फुटेज देखे। एसडीआरएफ के साथ नर्मदा में 32 किलोमीटर तक सर्च ऑपरेशन चलाया। जंगलों और रेलवे ट्रैक के आसपास पैदल सर्चिंग की। टीम ने अर्चना 6 महीने की कॉल डिटेल जांची तो सारांश से लंबी बात का पता चला।

खोजबीन में यह टीम रही शामिल

रेलवे उप पुलिस अधीक्षक राम स्नेह चौहान, निरीक्षक जहीर खान, संजय चौकसे, बबीता कठेरिया, उपनिरीक्षक महेंद्र सिंह सोमवंशी सहित कई पुलिसकर्मी। साइबर सेल की मदद ली गई।