
Due to absence of periodic over hurling Dayoday Express accident
कटनी. जबलपुर से साढ़े आठ बजे 12181 जबलपुर-अजमेर दयोदय एक्सप्रेस कटनी-मुड़वारा के लिए रवाना हुई। स्लीमनाबाद स्टेशन तक सब कुछ सही चला। यात्री भी अपने सफर में मशगूल रहे। कोई गप्प मार रहा था तो कोई अपनी सीट पर सोने की तैयारी कर रहा था। कई यात्री मुड़वारा स्टेशन नजदीक आने की खबर पर उतरने की तैयारी में थे तो कोई खाना खा रहा था...। स्लीमनाबाद से 9 बजकर 24 मिनट में ट्रेन रवाना हुई। 4 मिनट बाद नजारा एकदम बदल गया। एकदम से ट्रेन में तेज झटका लगा, ट्रेन में यात्री हिचकोले खा गए और सभी की जान सूख गई। इसके पहले कुछ समझ पाते कि यात्रियों में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। एकाएक कुछ दूरी पर जाकर ठहर गई। यात्रियों को थोड़ी देर में पता चल किया एक्सप्रेस की इंजन टूटकर आगे चला गया है और ट्रेन यहीं रह गई है। ट्रेन के स्थिर होने के बाद यात्रियों की जान में जान आई। रेल सूत्रों की मानें तो पीरियॉडिक ओव हॉलिंग (पीओएच) में बेपरवाही के कारण यह हादसा हुआ। सबसे बड़ी गनीमत तो यह रही कि यह हादसा उस दौरान जब ट्रेन 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही थी। यदि यह ट्रेन 110 की रफ्तार से चल रही होती तो बड़ा हादसा होता।
तीन घंटे तक बाधित रहा ट्रैक
इस हादसे के बाद रेलवे की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हुए। कपलर के टूट जाने के बाद ट्रेन को रवाना करने में रेलवे को तीन घंटे का समय लग गया। 9 बजकर 24 मिनट में हुए हादसे के बाद अधिकारियों को खबर मिली, मौके पर पहुंचे। एनकेजे से राहत ट्रेन बुलाई गई, लेकिन इसका उपयोग नहीं हुआ। निवार में खड़ी गुड्स ट्रेन के पॉवर को लाकर मुड़वारा तक ट्रेन लाई गई और फिर मेल-एक्सप्रेस का पॉवर लगाकर रवाना किया गया।
खास-खास:
- हादसे की जांच के लिए गठित की गई टीम, टीआइ, एलआइ, सीडब्ल्यूआइ मैकेनिकल सहित अन्य अधिकारी टीम में शामिल।
- हादसे के चलते बाधित रहा ट्रैक, ट्रेन क्रमांक 15206, 20827, 12854, 12165, जेवीपीएन गुड्स ट्रेन रहीं प्रभावित।
- 18 माह में ओवरहॉलिंग पॉवर की जरूरी, हालांकि ओवरड्यू नहीं था पॉवर, फिर भी हो गया हादसा।
- तुगलकाबाद शेड का था इंजन, इंजन में खराबी के कारण हुआ हादसा, जांच में होगा फाल्ट का खुलासा।
यात्रियों ने बयां किया दर्द
यात्री राम सिंह ने कहा कि रेलवे की बहुत बड़ी चूक थी। इससे डिब्बे पलट सकते थे। कई लोगों की जान जा सकती थी। इस फाल्ट को सुधारने रेलवे को तीन घंटे का समय लग गया। जंगल में यात्री परेशान हुए। पानी आदि के लिए भी परेशान हुए। जबलपुर से कटनी आ रहे यात्री अवधेश यादव ने कहा कि जबलपुर से ट्रेन के चलने के दौरान जांच नहीं की गई और हादसा हो गया। साढ़े नौ बजे से साढ़े 12 बजे तक यात्री परेशान हुए। यात्री मुकेश गुप्ता ने कहा कि लगातार हादसे हो रहे हैं। रेलवे की बड़ी बेपरवाही है। पूरे यात्रियों की जान सूख गई थी। यात्रियों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं न हो, रेल अफसरों को ध्यान रखना चाहिए।
इनका कहना है
यह हादसा कैसे हुआ इसकी जांच शुरू कराई गई है। लोकोमोटिव इंजन में कैसे फाल्ट आया, किस स्तर पर गड़बड़ी की गई यह जांच के बाद पता चलेगा। जांच में जो दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. मनोज सिंह, डीआरएम, पमरे।
Published on:
13 Oct 2019 05:01 pm
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