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एक कमरे में लग रहीं कॉलेज की चार कक्षाएं, जानिए कैसे हो रही बच्चों की पढ़ाई

शिक्षण सत्र को शुरू हुए 12 दिन बीता, फिर उच्च शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन नहीं करवा पाया कॉलेज के लिए भवन का इंतजाम  

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कटनी. मप्र में उच्च शिक्षा के हालात अब बद से बदतर होते जा रहे है। सरकार गांव गांव में होने वाले जनसभाओं में कॉलेज खोलने की घोषणा तो कर देती है, लेकिन इनके बेहतर संचालन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। घोषणाओं तक सीमित कॉलेजों के हाल यह है कि एक कमरे में चार कक्षाएं लग रही है। ये कक्षाएं भी हकीकत में लगती तो ठीक है, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। इन कक्षाओं में बच्चों की जगह मवेशियों का डेरा है। किताब व बस्तों की जगह गोबर व मूत्र है।

जिले के बड़वारा विधानसभा क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा शहडोल लोकसभा के तहत आता है। साल 2016 में शहडोल लोकसभा का उपचुनाव हुआ था। प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा हुई थी। सीएम ने उमरियापान में कॉलेज की सौगात दी थी। शिक्षण सत्र 2017-18में उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज का संचालन शुरू कर दिया गया। शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय उमरियापान के एक कमरे में कॉलेज खोल दिया। छात्रों की कम संख्या होने के कारण पिछले शिक्षण में एक कमरे में बीए व बीएससी की कक्षाएं तो किसी तरह से संचालित हो गई, लेकिन इस शिक्षण सत्र में बीए व बीएससी की एक-एक क्लास बढ़ गई।
कॉलेजों में नए शिक्षण सत्र को शुरू हुए 12 दिन का समय बीत गया है, लेकिन उमरियापान में खुले सरकारी कॉलेज के लिए भवन की व्यवस्था अब तक उच्च शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन नहीं कर पाया है। भवन नहीं मिलने की वजह से मजबूरी बस एक कमरे में चार कक्षाएं लगानी पड़ रही है। जिसके चलते छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। कॉलेज प्राचार्य डा. सुधीर खरे का कहना है कि वर्तमान समय में उमरियापान कॉलेज के एक कक्ष में चार कक्षाएं संचालित हो रही है। कॉलेज भवन के लिए वन विभाग व आइटीआइ प्रबंधन से बात की गई थी, लेकिन दोनों लोगों ने देने से मना कर दिया था। भवन के लिए कलेक्टर से व्यवस्था कराने की मांग की गई है।

वन विभाग व आइटीआइ प्रबंधक ने देने से किया था इंंकार
जिले के अग्रणी कॉलेज प्राचार्य ने बताया कि कॉलेज भवन की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए उमरियापान स्थित वन विभाग के स्टॉफ क्वार्टर खाली पड़े थे। विभागीय अधिकारियों से मांग की गई थी, लेकिन नहीं मिला। इसी तरह से उमरियापान के उत्कृष्ट विद्यालय के जिन चार कमरों में आइटीआइ लगती थी, उस भवन की भी मांग की गई थी, लेकिन प्रबंधक ने भी देने से मना कर दिया था। हालांकि इस संबंध में जब वन विभाग के डीएफओ अजय कुमार पांडे से चर्चा की गई तो उन्होंने जबाव देने से इंकार कर दिया।

कौशल विकास के सामान को हटा दें तो हो जाएगी व्यवस्था
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय उमरियापान में जिस जगह पर कॉलेज संचालित हो रहा है। उसी परिसर में आइटीआइ भी संचालित होती थी। उसके पास चार कमरे थे। वर्तमान समय में उन कमरों में कौशल विकास योजना का सामान रखा हुआ है। आइटीआइ भी पिछले कई साल से बंद पड़ी है। ऐसे में यदि जिला प्रशासन उस भवन को खाली करवा दें तो छात्रों की समस्या का समाधान हो जाएगा। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए भवन की सुविधा मिल जाएगी।
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